उत्तराखंड में बायबैक पॉलिसी के तहत प्लास्टिक बोतल और रैपर लौटाएं, पैसा पाएं

Last Updated 18 Jul 2016 10:13:41 AM IST

उत्तराखंड सरकार बायबैक पॉलिसी बनाएगी, जिसमे बोतलबंद पानी या पैट बोतलों या सैशे में पैक और अन्य वस्तुएं खरीदते हैं और चीज इस्तेमाल कर उन्हें दुकानदार को वापस देते हैं तो आपको पैसा मिलेगा


(फाइल फोटो)

प्रदेश में अब यदि आप प्लास्टिक बोतल वाले पेय , बोतलबंद पानी या पैट बोतलों या सैशे में पैक अन्य वस्तुएं खरीदते हैं और चीज इस्तेमाल कर उन्हें दुकानदार को वापस देते हैं तो आपको पैसा मिलेगा.

प्रदेश कैबिनेट ने फैसला लिया है कि प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार बायबैक पॉलिसी बनाएगी. इसके लिए विधानसभा में एक विधेयक भी लाया जाएगा.

जिसके तहत प्लास्टिक की ईकाइयों से ग्राहकों द्वारा उपयोग किए गए प्लास्टिक कैरी बैग, बोतल आदि को सम्बंधित वितरक, स्टॉकिस्ट द्वारा बाई बैक करने की जिम्मेदारी दी जाएगी इससे प्लास्टिक पैकिंग वापस करने पर ग्राहक को कुछ पैसा वापस मिल सकेगा.

पर्यावरण प्रदूषण रोकने व शहरों आदि जगहों में सिविक सेंस जगाने और कूड़े के प्रबंधन के लिए कूड़ा फेंकना, थूकना प्रतिबंध विधेयक भी सरकार लाएगी.

इस विधेयक के तहत अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों में कूड़ा फेंकने या थूकने का दोषी पाया जाता है तो उसे अनिवार्य रूप से 1000 रूपये का जुर्माना देना होगा. हल्द्वानी में सिंचाई विभाग की मुख्य कैनाल के ऊपर स्थित मटरगली के फड़वालों कब्जाधारियों की भूमि को फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया गया है इससे 44 दुकानदारों को फायदा होगा.

फ्रीहोल्ट के लिए उन्हें मौजूदा सर्किल रेट 15 हजार के चौगुने के हिसाब से स्टांप डय़ूटी देनी होगी. टिहरी बांध और आपदा या अन्य कारणों से विस्थापितों को उन्हें आवंटित जमीनों के पट्टों का का मालिकाना दिया जाएगा. कैबिनेट ने अग्निशमन एवं आपातसेवा अगि निवारण सुरक्षा विधेयक को विस में पेश करने के लिए मसौदे को मंजूरी दे दी है.

 

इससे कॉलोनाइजरों को अग्निशमन के उपाय करने जरूरी होंगे अन्यथा उन्हें दंडित किया जा सकेगा. सिनेमा हॉलों के लिए उत्तर प्रदेश चलचित्र विनियमन अधिनियम-1955 के तहत वन टाइम कंपाउंडिंग को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर अधिकतम पांच लाख रुपये कर दिया गया है.

दुकानों व अन्य वाणिज्यक परिसम्पतियों की खरीद फरोख्त पर इसमें स्टांप डय़ूटी को अब दो फीसद से 0.9 प्रतिशत घटाकर 1.10 फीसद कर दिया गया है. देहरादून कैबिनेट ने किसाऊ बहुउददेशीय परियोजना के निर्माण के अन्तर्गत हिमाचल के साथ अनुबंध के अंतर्गत बनाए जाने वाली ज्वाइंट वैंचर कंपनी को मंजूरी और मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन को मंजूरी दे दी है.

हिमाचल इसे पहले ही मंजूरी दे चुका है. 660 मेगावाट की इस संयुक्त परियोजना की लागत का 90 फीसद धन केंद्र को देना है जबकि हिमाचल व उत्तराखंड को पांच-पांच फीसद धन देना है.

प्रदेश को इसके लिए 199 करोड़ रुपये देने होंगे. 9 साल में बनने वाली इस बांध से छह राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान , हरियाणा और दिल्ली को पानी मिलेगा. जबकि दिल्ली को पीने का पानी मिलेगा.

इस परियोजना से उत्तराखंड को बिजली भी मिलेगी. हालांकि अभी डूब क्षेत्र को लेकर भी फैसला होना है क्योंकि इस बांध में उत्तराखंड का डूब क्षेत्र ज्यादा है. होटल व केबल वालों को कनेक्शनों के हिसाब से मनोरंजन कर देना होगा.

देहरादून के होटलों में एक कनेक्शन पर कई कमरों में केबल सुविधा देने पर और केबल नेटवर्क वालों को कनेक्शन के हिसाब से मासिक मनोरंजनकर देना बाध्यकारी होगा. कम कर जमा होने पर केबल संचालक की जिम्मेदारी होगी.


 

 

 

 



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