उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से भारी बारिश जारी, छह मरे

Last Updated 17 Jul 2016 03:43:48 PM IST

उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में पिछले दो दिनों से लगातार जारी भारी बारिश के कारण छह व्यक्तियों की मौत हो गयी जबकि गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान के पास पहुंच गया.


(फाइल फोटो)

उत्तराखंड राज्य आपातकालीन केंद्र से मिली सूचना के अनुसार, पिछले 24 घंटों में राजधानी देहरादून सहित अधिकांश हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गयी है. पहाड़ी इलाकों में भी लगातार भारी बारिश के कारण पहाड़ों से मलबा आने से कई मार्ग अवरूद्ध हो गये हैं जिससे चार धाम यात्रा और कैलाश-मानसरोवर यात्रा प्रभावित हुई है.

दूसरी तरफ कुमांउ क्षेत्र में जिम कार्बेट राष्ट्रीय पार्क के बिजरानी और ढेला के गेट बारिश के कारण पर्यटकों के लिये बंद कर दिये गये.
 
गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी जिले के श्रीनगर के पास एक कार बारिश के कारण सड़क पर फिसलने से अनियंत्रित होकर 200 मीटर गहरे खड्ड में गिर गयी जिससे तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और दो अन्य घायल हो गये.

एक अन्य घटना में उत्तरकाशी जिले के बडकोट क्षेत्र में नन्द गांव में एक गौशाला पर पेड़ गिरने से उसके नीचे मौजूद दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और एक अन्य घायल हो गया जबकि नैनीताल जिले के हलद्वानी में तेज बारिश के चलते उफनाई एक बरसाती नदी में एक बस के बह जाने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी और कई अन्य घायल हो गये.
 
उत्तरकाशी जिले के किसाला, खरसाली, ढुईक और कंडारी गांव में अत्यधिक वर्षा के कारण कई मकानों को क्षति पहुंचने की सूचना है.



पिछले 24 घंटों में प्रदेश में सर्वाधिक 238.76 मिमी बारिश नैनीताल में दर्ज की गयी जबकि हलद्वानी में 214 मिमी, चोरगलिया में 156 मिमी, बागेर में 120 मिमी, रामनगर में 117.06 मिमी, सोमेर में 105 मिमी, अल्मोडा में 103.2 मिमी, सल्ट में 100 मिमी, देहरादून में 91.04 मिमी, कपकोट में 82.50 मिमी, गरूड में 80 मिमी, चौखुटिया और बडकोट में 75 मिमी बारिश दर्ज की गयी.

लगातार बारिश से प्रदेश में गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों सहित अन्य नदियां भी उफान पर आ गयी हैं. हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 292.80 मीटर तक पहुंच गया है जो खतरे के निशान 294 मीटर से लगभग दो मीटर कम है. रिषिकेश में भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 340.50 मीटर के नजदीक 339.31 मीटर पर है.

नदी के जलस्तर में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और नदी किनारे लगातार गश्त की जा रही है. छह पुलिस टुकड़ियों को अलर्ट पर रखा गया है और पांच राफ्ट बोटों को किसी भी संभावित अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये तैनात किया गया है.

कुमांउ के पिथौरागढ जिले में कालीनदी भी खतरे के निशान 890 मीटर के करीब 889.20 मीटर पर बह रही है जबकि चंपावत में शारदा नदी खतरे के निशान 221.70 मीटर के बिल्कुल पास 221.10 मीटर पर पहुंच गयी है.

 

 

 

 



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