शक्तिमान की मूर्ति लगाने और चौक का नाम उसके नाम पर रखने का निर्णय अंतिम : रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश पुलिस के शहीद घोड़े शक्तिमान की मूर्ति लगने न लगने की अटकलों पर विराम लगा दिया है.
(फाइल फोटो) |
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ऐलान किया है कि शक्तिमान की मूर्ति लगेगी और बेहतर तरीके और बेहतर डिजाइन के साथ लगेगी. विधानसभा चौक को शक्तिमान चौक नाम देने व मूर्ति स्थापित करने का फैसला अंतिम है.
बुधवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा ‘मैंने केवल शक्तिमान की मूर्ति का अनावरण न करने का फैसला लिया है.
हालांकि मुख्यमंत्री ने मूर्ति की स्थापना का सही समय नहीं बताया मगर कहा ‘उचित समय पर यह कार्य होगा. इसके कोई और निहितार्थ न ढूंढे जाएं. यदि मैं अनावरण करता तो मुझ पर राजनीति करने का आरोप लगता.
शक्तिमान की मूर्ति स्थापित करने का जनता ने जिस तरह स्वागत किया है. शक्तिमान के लिए जो प्यार व सम्मान सभी दिशाओं से आया है उसके लिए वह शुक्रगुजार हैं.’
बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुलिस लाइन में शक्तिमान पार्क का उद्घाटन करने से इनकार कर दिया था. तीन दिन पहले विधानसभा की चौक में लगी शक्तिमान मूर्ति को भी मंगलवार सुबह चार बजे गुपचुप तरीके से हटा लिया गया था. इससे माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री शक्तिमान की मूर्ति नहीं लगाना चाहते.
इसे उनके अंधविश्वास से जोड़कर देखा जा रहा था. भाजपा भी सरकार पर घोड़े पर राजनीति का आरोप लगा रही थी. यही नहीं कहा जा रहा था कि शक्तिमान की मूर्ति जल्दबाजी में निजी भूमि पर बिना इजाजत लगा दी गई है और चूंकि हरिद्वार रोड राष्ट्रीय राजमार्ग है इसलिए वहां मूर्ति नहीं लगाई जा सकती.
मुख्यमंत्री ने इस वजह की पुष्टि की और कहा कि वह योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं और मूर्ति स्थापित करते हुए यह देखा जाएगा कि उससे देहरादून की सुंदरता भी बढ़े.
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