उत्तराखंड के सेरा-मालकोटी में बादल फटा, भारी नुकसान

Last Updated 27 Jun 2016 10:08:01 AM IST

उत्तराखंड के पोखरी प्रखंड के सेरा-मालकोटी में बादल फटने से 27 से अधिक गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं साथ ही इस हादसे में 6 दर्जन से अधिक मवेशी मलबे में दबकर मौत के शिकार हो गए.


(फाइल फोटो)

इस घटना से गांव में दहशत व्याप्त हो गई है और यहां के कई मोटर मार्ग भी अतिवृष्टि की जद में आने के कारण अवरुद्ध हो गए हैं.

जानकारी के अनुसार बीती रात सेरा-मालकोटी में भारी अतिवृष्टि के बीच बादल फटने से करीब 27 गौशालाएं तहस-नहस हो गई. बादल फटने की इस घटना में 61 बकरियां, 2 बैल, 5 भैस तथा 4 गायें मलवे में दब कर अकाल मौत के शिकार हो गए. इस घटना से गांव में अफरा-तफरी मच गई.

प्रधान सुनीता देवी ने बताया कि बादल फटने की घटना से गांव में कोहराम सा मच गया था. घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम केएन गोस्वामी के नेतृत्व में सरकारी अमले ने आपदा प्रभावित सेरा मालकोटी गांव का दौरा कर क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का मौका मुआयना किया.

इस मौका मुआयने में तहसीलदार किशन गिरी, राजस्व उप निरीक्षक मदन लाल, पशु चिकित्साधिकारी डा. चित्रा धीमान के साथ ही पुलिस व होमगार्ड के जवान भी साथ थे. इतनी बड़ी संख्या में मवेशियों के अकाल मौत के शिकार होने पर प्रधान सुनीता देवी ने अधिकारियों से प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है.

दूसरी ओर बीती रात भारी बारिश के कारण इस विकास खंड के कई सड़क मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं. चांदनीखाल-गोपेश्वर मार्ग रैंसू में अवरूद्ध हो गया इस कारण गोपेश्वर आने-जाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई. इसी तरह हापला-कलसीर मार्ग पर भी मलवा आने से इस क्षेत्र के ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित हो गई.

पोखरी-वल्ली-हरिशंकर मोटर मार्ग तो बनखुरी में करीब 500 मीटर क्षतिग्रस्त हो गया है. इस स्थान पर सड़क के हालात बेहद चिंताजनक रूप में सामने आए हैं. उडामांडा-रौता मोटर मार्ग भी इस अतिवृष्टि के कारण अवरूद्ध हो गया है. इससे दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीणों की आवाजाही मुश्किलों में घिर गई है. पेखरी विकास खंड में बीती रात अतिवृष्टि ने कहर बरपाना शुरू किया तो लोगों की नींद उड़ कर रह गई.

जगह-जगह अतिवृष्टि के कारण निजी तथा सरकारी परिसंपतियों को भारी नुकसान पहुंचा. इससे इस क्षेत्र के लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है.

पौड़ी:  थलीसैंण ब्लाक की चौथान पट्टी के शनिवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से सैकड़ों नाली खेती के साथ ही कई गौशालाएं तबाह हो गए. गौशाला में दो जोड़ी बैल और पांच बकरियों की मलवे में दबने से मौत हो गई. जिलाधिकारी चन्द्रशेखर भट्ट ने एसडीएम थलीसैंण मायादत्त जोशी को प्रभावित क्षेत्र में तत्काल राजस्व पुलिस भेजकर सोमवार तक क्षति की रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.

क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों ने बताया कि चौथान पट्टी के सुंदरगांव, चौंड़ा, थान, तिमवाड़ी, देवराड़ी, कफलेक व जैंती गांव में शनिवार को बादल फटने से आवाद खेती को बड़ा नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि जैंती गांव में करीब आधा दर्जन गौशालाएं क्षतिग्रस्त होकर मलवे में दब गई हैं. गौशालाओं में 5 बकरियां और दो जोड़ी बैल दबकर मर गए.

सुंदर गाव व चौंडा में खेती को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. चौथान पट्टी जिले का सुदूरवर्ती क्षेत्र हैं. जहां ग्रामीणों के रोजगार का मुख्य साधन खेती व पशुपालन है. अतिवृष्टि से किसी तरह के जनहानि के नुकसान की सूचना नहीं है. क्षेत्र के अन्य गांव में भी अतिवृष्टि से ग्रामीण काश्तकारों की खेती-बाड़ी चौपट होने के साथ ही रास्ते, पुश्ते व कई पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं.

तीन घंटे अवरुद्ध रहा गंगोत्री मार्ग

शनिवार रात्रि को हुई तेज बारिश के चलते गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के नालू पानी में भारी मात्रा में मलबा आने से रविवार को मार्ग करीब तीन घंटे बांधित रहा, जिससे तीर्थयात्रियों तथा आम लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा. बाद में मार्ग को जेसीबी की मदद से कड़ी मशक्कत करने के बाद यातायात के लिए चालू कर दिया गया.

तेज बारिश से नालूपानी के पास सड़क पर भारी मात्रा में मलब जमा होने से मार्ग पर यातायात बंद हो गया. रविवार प्रात: मार्ग के बंद होने से सड़क के दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की लंबी कतारें लग गई, लेकिन एक घंटे से अधिक समय तक मार्ग जाम होने पर वाहन सवार तथा तीर्थयात्री आक्रोशित हो गये. एक घंटे बाद किसी तरह से जेसीबी ने मलबा साफ किया तथा तीन घंटे बाद मार्ग यातायात के लिए मार्ग चालू हो सका.



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