उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझी

Last Updated 05 May 2016 07:31:20 PM IST

पिछले दो दिनों से उत्तराखंड के ज्यादातर स्थानों पर हुई बारिश की मदद से प्रदेश के जंगलों में भड़की आग पूरी तरह से बुझ गयी है.


बारिश से उत्तराखंड के जंगलों की आग बुझी (फाइल फोटो)

उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के लगभग सभी जिलों में तथा आज देहरादून, नैनीताल, टिहरी एवं अल्मोडा में हुई बारिश के कारण वनाग्नि नियंत्रित हो गयी है. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के किसी भी जगह से वनाग्नि की कोई सूचना नहीं मिली है.
 
राज्य प्रशासन ने कहा है कि मौसम में तब्दीली आने के साथ ही फिर से वनाग्नि भड़कने की संभावना के मद्देनजर उससे निपटने की पूरी तैयारियां हैं. 

पिछले काफी समय से वनाग्नि की समस्या से जूझ रहे प्रदेश के लिये यह बारिश बहुत राहत लेकर आयी है. इस साल राज्य में अभी तक वनाग्नि की कुल 1,681 घटनायें हुई हैं जिनमें 3,739 हेक्टेअर जंगल जलकर खाक हो गया है .

रौतेला ने बताया कि इस फायर सीजन में वन विभाग, राष्टीय आपदा रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ), राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) तथा पुलिस सहित कुल 11,773 लोग आग बुझाने के काम लगे हैं, जबकि तीन हैलीकाप्टरों का भी वनाग्नि बुझाने में प्रयोग किया गया.

अपर मुख्य सचिव, वन, एस रामास्वामी ने बताया कि प्रदेश में 15 अप्रैल से घोषित फायर सीजन के दौरान सात व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है जिनमें से पौड़ी में एक, बागेर में एक, नैनीताल में तीन व्यक्तियों की जान जाने के अलावा चमोली में आग बुझाते पुलिस कान्स्टेबल पंकज चौहान तथा पौडी में एक फायर वाचर चैत सिंह की जान जा चुकी है. 

रामास्वामी ने बताया कि वन विभाग के फायर वाचर चैत सिंह की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को दो लाख रूपये की धनराशि देने के अलावा उसे चार लाख रुपये राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) से दिये जाने हेतु प्रभागीय वनाधिकारी को को निर्देश दिये गये हैं.

उन्होंने बताया कि राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पॉल द्वारा भी अपने विवेकाधीन कोष से चैत सिंह की पत्नी को दो लाख रूपये देने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही चैत सिंह की पत्नी को फायर वाचर के रूप में रखने हेतु प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिये गये हैं.



अपर मुख्य सचिव ने कहा कि परसों रात से राज्य के कई स्थानों पर बारिश होने के कारण वनाग्नि को बुझाने में काफी मदद मिली है लेकिन मौसम की तब्दीली के साथ ही आग भड़कने की आशंकाओं के मद्देनजर उनसे निपटने के लिये राज्य में तैयारियां पूरी हैं.

इस बीच, जंगलों में आग पर काबू पाने में जुटे प्रदेश के वन विभाग ने आज जनता से वनों को अग्नि दुर्घटनओं से बचाने के लिये अपना योगदान देकर पर्यावरण के संरक्षण की अपील की.

समाचार माध्यमों के जरिये की गयी इस अपील में कहा गया है कि उत्तराखंड वन विभाग जंगलों में लगी आग को नियंत्रित करने में प्रयत्नशील है और राज्य की प्रबुद्घ जनता से अनुरोध है कि वह भी प्रदेश के वनों को अग्नि दुर्घटनाओं से बचाने के लिये अपना बहुमूल्य योगदान दे और पर्यावरण संरक्षण में सहभागी बनें.

वन विभाग ने अपनी अपील में जनता को वनाग्नि की घटनाओं के मददेनजर छह बातों पर ध्यान रखने को भी कहा है जिनमें घर तथा गौशाला के आस-पास झाडी, सूखे पत्ते, कूडा व ज्वलनशील पदार्थों को तुरंत हटाने, घर के बाहर चूल्हे पर खाना नहीं बनाने, आपात स्थिति के लिये घर में पानी की समुचित व्यवस्था रखने तथा घर के आस-पास लगी आग के नजदीक बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को नहीं जाने देने की सलाह शामिल हैं.

 

 



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