उत्तराखंड में वनाग्नि से निपटने को दोगुने कर्मियों की होगी तैनाती

Last Updated 29 Apr 2016 12:15:17 PM IST

उत्तराखंड में जंगलों की आग की समस्या से निपटने के लिए अब दोगुने यानी तीन हजार की बजाय छह हजार कर्मचारी तैनात होंगे.


(फाइल फोटो)

आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग से भी करीब 500 कर्मचारी लिए जाएंगे. हर जिले में राजस्व वनों की सुरक्षा के लिए कम से कम सौ पीआरडी कर्मियों की तैनाती की जाएगी, जिन्हें जरूरत के हिसाब से बढ़ाया भी जा सकेगा.

एसडीआरएफ से वनाग्नि पर काबू पानी के लिए जरूरी उकरण खरीदने के लिए पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं जबकि आठ करोड़ Rs की धनराशि कैंपा फंड से जारी की जाएगी.

बृहस्पतिवार को प्रदेश के राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पॉल ने वनाग्नि व सूखे की परिस्थितियों से निपटने के लिए सलाहकार परिषद की बैठक की. बैठक में राज्यपाल के दोनों सलाहकार, मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव भी मौजूद रहे.

प्रमुख रूप से राज्य में वनाग्नि, सूखे व पेयजल व्यवस्था पर गंभीर मंतण्रा हुई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ठोस कार्ययोजना तैयार कर युद्धस्तर पर कार्य करें.

सलाहकार परिषद के निर्णयानुसार प्रत्येक जनपद के डीएम को निर्देशित किया गया है कि वनाग्नि से प्रभावित परिवारों को अनुग्रह राशि तत्काल दी जाए. वर्तमान परिस्थियों में अन्य विभागों की योजनाओं के अन्तर्गत वनाग्नि को रोकने से सम्बन्धित कार्य समन्वित रूप से किये जायेंगे.

वनाग्नि को पूर्णत: नियंत्रित करने के लिए युवक व युवती मंगल दल व वन पंचायतों तथा होमगार्ड्स की सहायता से अवैध कटान में संलिप्त शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखने की विशेष हिदायत दी गई. वनाग्नि रोकने तथा पेयजल प्रबन्धन के लिए पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी.

तात्कालिक व अल्पकालीन व्यवस्था के तहत प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों की व्यवस्था व दीर्घकालिक व्यवस्था के लिए परंपरागत जल स्रेतों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी जारी किए गए. त्वरित राहत के लिए सभी आधुनिक तकनीक अपनाने को कहा गया है.

वन्य पार्कों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था करने के लिए टैंकरों की व्यवस्था करने व इसके अतिरिक्त सूखा पीड़ित जिलों में अतिरिक्त टैंकरों की व्यवस्था के लिए डीएम को निर्देश दिए गए. वनाग्नि को नियंत्रित करने के लिए पूर्व में जारी सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने की हिदायतों के साथ ही यह भी कहा गया कि सभी वनपंचायतों, महिला मंगल दलों, स्वयं सहायता समूहों सहित युवक मंगल दलों को सक्रिय करके व समन्वित सहयोग से वनाग्नि पर प्रभावी नियंतण्रके कार्य किये जाए.

पुलिस तथा होमगार्ड के साथ ही कमाण्डेंट एसडीआरएफ को आदेश दिया गया है कि वे संबंधित डीएम की सहायता के लिए तत्पर रहें. डीएम भी रोजाना मॉनीटरिंग करेंगे. यही नहीं राज्यपाल भी इन सब व्यवस्थाओं की पहली समीक्षा 30 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करेंगे. 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment