उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने चलाया अभियान
उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावन ने अभियान शुरू कर दिया है.
देहरादून : बीजापुर हाउस में सतर्कता विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत. |
उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी-कर्मचारियों को चिन्हित करने के लिए विजिलेंस (सतर्कता) विभाग को निर्देश दिए है. सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को भी निर्देश दिए कि वे अपने जनपदों में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान संचालित करें. इस अभियान में तेजी लाने के लिए विजिलेंस को पिछले 10 वर्षो में की गई कार्यवाही के बराबर का लक्ष्य एक वर्ष पूरा करने के निर्देश दिए है.
मंगलवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री ने सतर्कता विभाग की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए और भ्रष्टाचार में लिप्तकर्मियों को किसी सूरत में न बख्शा जाए.
पिछले 10 वर्षो में सतर्कता विभाग ने जितने भी मामले पकड़े इस वर्ष उतने ही कार्यों को लक्ष्य मानते हुए अभियान में तेजी लायी जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए प्रशासन का पूरा सहयोग लिया जाए. बेनामी सम्पत्तियों को चिह्नित कर उसका ब्योरा उपलब्ध कराया जाए साथ ही अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा तय समय पर किए जाने वाले कायरे में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाए. भ्रष्टाचार व लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ आम नागरिकों से सतर्कता विभाग के टोल फ्री नम्बर 18001806666 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करने की बात कही.
मुख्यमंत्री ने गत दिनों सतर्कता विभाग द्वारा एमडीडीए के कार्मिक पर की गयी कार्यवाही की सराहना करते हुए कहा कि इसी तरह का अभियान अन्य भ्रष्टाचार के मामलों में भी जारी रखा जाए. उन्होंने कहा कि जिन विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही है उन कर्मियों को चिह्नित कर तत्काल कठोर कार्यवाही की जाए.
मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान तेज करने पर जोर दिया. इस अवसर पर प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, निदेशक सतर्कता अशोक कुमार, आईजी सुरक्षा एवं सतर्कता एपी अंशुमन आदि उपस्थित थे.
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