उत्तराखंड में रेल सुविधाओं के लिए रावत ने लिखा रेल मंत्री को पत्र

Last Updated 09 Feb 2016 11:18:59 AM IST

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेज कर आगामी रेल बजट में राज्य की रेल परियोजनाओं को शामिल करने का अनुरोध किया है


फाइल फोटो

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड के सीमित संसाधनों एवं महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति को देखते हुए सामरिक महत्व की परियोजनाओं को आर्थिक मानदण्ड प्रक्रिया से मुक्त रखने का अनुरोध किया है.
      
मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि अपने पत्र में रावत ने कहा है कि सहारनपुर-विकासनगर-देहरादून नए रेल मार्ग के निर्माण, 2013-14 के रेल बजट मे स्वीकृत रामनगर-चैखुटिया रेल मार्ग, राष्ट्रीय सामरिक महत्व के ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग परियोजना और टनकपुर-बागेर रेल लाइन को जल्द पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनसंख्या से कई गुणा संख्या में आने वाले पर्यटकों/तीर्थ यात्रियों हेतु सड़क मार्ग भी पर्याप्त नहीं है. उत्तराखंड की सीमा चीन-तिब्बत और नेपाल की विशाल अन्तरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी हुई है.     
        
उत्तराखण्ड एक विशेष श्रेणी राज्य होने एवं राजस्व की कमी के कारण रेलवे परियोजनाओं के व्यय में अंशदान देने में असमर्थ है लिहाजा सामरिक महत्व की परियोजनाओं को आर्थिक मानदण्ड प्रक्रिया से मुक्त रखना भी आवश्यक होगा.
        
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेज कर आगामी रेल बजट में राज्य की रेल परियोजनाओं को शामिल करने का अनुरोध किया है.

उन्होंने कहा है कि सहारनपुर-विकासनगर-देहरादून नए रेल मार्ग का निर्माण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है. सहारनपुर देहरादून मार्ग का सव्रेक्षण कार्य पूर्ण भी हो चुका है. इस नए मार्ग का निर्माण हरबर्टपुर (विकासनगर) के रास्ते देहरादून तक करने से यमुना घाटी एवं चकराता-त्यूनी/जौनसार के जनजातीय निवासियों के साथ पर्यटकों को भी अत्यन्त सुविधा होगी तथा हरिद्वार मार्ग में भीड़ को नियंत्रित करने में भी सुविधा होगी.
       
गैरसैण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां गत वर्ष से राज्य विधान सभा का सत्र आहूत किया जा रहा है. अत: रामनगर-चैखुटिया रेल मार्ग हेतु 2013-14 के रेल बजट में स्वीकृति प्रदान की गयी थी. गैरसैण चैखुटिया के अत्यन्त निकट है, अत: रामनगर से गैरसैण रेल सम्पर्क की आवश्यकता है. यह रेल मार्ग सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.

रावत ने कहा है कि राष्ट्रीय सामरिक महत्व के ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग परियोजना को पूर्ण करने के लक्ष्य को त्वरित रूप से निर्धारित करने की नितान्त आवश्यकता है. इसी प्रकार सामरिक दृष्टि से टनकपुर-बागेर रेल लाइन के निर्माण पर भी शीध्र क्रियान्वयन की आवश्यकता है.

किच्छा-खटीमा (57.7 किमी) रेल लाइन को त्वरित गति से बनाने की आवश्यकता है तथा भूमि अधिग्रहण हेतु उत्तराखण्ड राज्य द्वारा दिए गए अंशदान के पश्चात अवशेष धनराशि रेल मांलय/भारत सरकार से प्राप्त कर इस परियोजना पर राष्ट्रीय योजना स्वरूप त्वरित ति से कार्य किए जाने की आवश्यकता है.

इसी प्रकार देवबन्द-रूड़की रेल मार्ग हेतु भी भारत सरकार के द्वारा त्वरित व्यवस्था व कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है. ऋषिकेश से डोईवाला हेतु नए रेल मार्ग निर्माण का 2013-14 बजट में अनुमोदन किया गया था जिसका सर्वे पूर्व में हो चुका है जिस पर त्वरित कार्य किए जाने की आवश्यकता है.

वर्ष 2013-14 के रेल बजट में हरिद्वार-कोटद्वार-रामनगर डाईरेक्ट लिंक बनाए जाने की घोषणा की गयी थी. यह मार्ग उत्तराखण्ड के लिए प्राणदायक है। काशीपुर नजीबाबाद वाया धामपुर रेल लाइन का सव्रे पूर्व में किया जा चुका है. अत: इसके निर्माण से ही यह लिंक मार्ग पूर्ण हो सकेगा तथा एक विशाल क्षेा इससे लाभान्वित होगा. 

रूड़की- पीरान कलियर/ देहरादून-पुरोला (यमुना किनारे-2)/टनकपुर -जौलजीवी  - नई रेल लाइनों के सव्रे की घोषणा विगत वर्षों के रेल बजट में की गयी थी, इन रेल मागरें के निर्माण पर तत्काल कार्रवाई आवश्यक है। लालकुआं-मेलानी-टनकपुर-पीलीभीत-भोजीपुरा-बरेली सेक्शन के मीटर गेज (101.79 किमी) को ब्रॉड गेज हेतु रेल मंत्रालय द्वारा विगत वर्षों में स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसके द्रुत गति से

अमान परिवर्तन के लिए पर्याप्त बजट की स्वीकृति आवश्यक है.
        
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि रामनगर से दिल्ली नई हेतु एक सीधी द्रुतगामी नॉन-स्टॉप रेलगाड़ी का चलाया जाना नितान्त आवश्यक है जिससे यहां के सुविख्यात अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थानों में भारत सरकार से  अतिविशिष्ट/विशिष्ट महानुभावों, उच्चाधिकारियों,

उद्योग जगत से जुड़े व्यवसायियों, देश एवं विदेश के पर्यटकों/यात्रियों/तीर्थयात्रियों के यहां पहुंचने में सुविधा होगी.  दिल्ली से कोटद्वार जाने हेतु वाया नजीबाबाद रेल मार्ग निर्धारित किया जाय तो यात्रा समय में बचत होगी.



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