पहली बार जनवरी में शून्य पर पहुंचा नैनी झील का जलस्तर

Last Updated 06 Feb 2016 06:10:38 AM IST

नैनी झील के जलस्तर के बारे में वर्ष 1977 से यानी पिछले 40 वर्षो के रिकार्ड उपलब्ध हैं.


नैनीताल : शुक्रवार को नैनी झील के तल्लीताल नियंतण्रकक्ष पर शून्य नजर आ रहा झील का जलस्तर.

लेकिन उपलब्ध रिकार्डों के अनुसार जनवरी माह के आखिर और फरवरी माह के पहले सप्ताह में नैनी झील का जलस्तर 1985 में 5.3 फीट एवं अधिकतम 1989 में 10.7 फीट रहा है, लेकिन इस वर्ष यह अभूतपूर्व रूप से शून्य पर उतर आया है जबकि इससे पूर्व इस तरह की स्थिति सामान्यत: मई माह में आती रही है.

बुजुर्गों की मानें तो पिछले 82 वर्षो में ऐसी स्थिति पहली बार आयी है. इसका कारण नगर में सितम्बर के बाद से चार महीने पूरी तरह वर्षाविहीन रहे हैं. इस दौरान केवल तीन दिन कुल मिलाकर 17 मिमी के बराबर बेहद मामूली बारिश ही हुई है. यह स्थिति इसलिए भी अधिक गंभीर है, क्योंकि भले इस वर्ष अब तक केवल 2.54 मिमी ही बारिश हुई हो, किंतु इससे पूर्व बीते वर्ष 2015 में रिकार्ड 4684.83 मिमी बारिश हुई थी और पूरे वर्ष झील का जलस्तर शून्य पर नहीं पहुंचा था, जबकि अनेक वर्षो में बारिश न होने के बावजूद झील का जलस्तर कहीं ऊपर रहा है.

झील नियंत्रण कक्ष से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षो की बात करें तो वर्ष 2011 में दो मई को, 2012 में 30 अप्रैल को, 2013 में 26 मई को, 2014 में 17 मई को झील का जलस्तर शून्य पर पहुंचा था, जबकि 2015 में वषर्भर ऐसी स्थिति नहीं आयी. वहीं पिछले वर्षो में पांच फरवरी को झील के जलस्तर और बारिश की बात करें तो वर्ष 1990 में जनवरी माह में बारिश नहीं हुई थी, बावजूद झील का जलस्तर 9.4 फीट था. ऐसी ही स्थितियों में 1997 में जलस्तर 8.3 फीट था. वहीं बीते वर्ष सितंबर माह के बाद हुई बारिश की बात करें तो 13 अक्टूबर को 2.54 मिमी, 30 अक्टूबर को 12.7 मिमी और इधर 29 जनवरी की रात्रि 2.54 मिमी ही बारिश हुई. जबकि पिछले वर्ष जुलाई माह में 1706.88 और खासकर छह जुलाई को 388.42 मिमी बारिश ने नगर को हिलाकर रख दिया था.

तरह-तरह की चर्चायें : नैनी झील का जलस्तर नगर ही नहीं प्रदेशभर में शीतकालीन वष्रा न होने और पानी की बढ़ती खपत के प्रत्यक्ष कारण से संबंधित है, किंतु नगर में अलग-अलग लोग झील के घटे जलस्तर के अलग-अलग कारण बता रहे हैं. नगर के वरिष्ठ नागरिक एवं पूर्व म्युनिसिपल कमिश्नर रहे गंगा प्रसाद साह ने इसे इस वर्ष नंदा देवी महोत्सव में हुए व्यवधान से जोड़ते हुए कहा कि कुछ लोगों के विघ्न का खमियाजा पूरे नगर व प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि नयना देवी पूरे राज्य की कुलदेवी, आराध्य देवी एवं युद्ध की विजय देवी हैं. बकौल श्री साह- ‘अपनी 82 वर्ष की आयु में उन्होंने ऐसे हालात कभी नहीं देखे.’

वहीं अन्य बुजुगरे ने दावा किया कि नैनी झील में इसकी स्थापना से पूर्व मौजूदा डांठ जैसी व्यवस्था नहीं थी. उन्होंने अपने बुजुगरे से सुना था कि नैनी झील में भीमताल झील के बीच में डूबी हुई अवस्था में स्थित एवं हालिया वर्षो में ही जलस्तर गिरने पर प्रकाश में आये कैंचुला देवी के मंदिर की तरह यहां भी दो कोटरों के बीच वाले स्थान पर मंदिर है, जो इस वर्ष नजर आ सकता है.

नवीन जोशी
एसएनबी


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