उत्तराखंड सरकार ने किया धरातल पर कार्य : रावत

Last Updated 27 Nov 2015 05:49:07 PM IST

उत्तराखंड मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों के जीवन को पटरी पर लाने के लिए धरातल पर काम किया है.


उत्तराखंड सरकार ने किया धरातल पर कार्य : रावत (फाइल फोटो)

रावत के अनुसार आपदाग्रस्त केदारघाटी में दोबारा से चहल-पहल लौट आयी है. केदारनाथ में दो लाख से भी अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने दो बार की आपदा झेली है. आपदा के बाद पहली बार मेले को लेकर उत्साह का माहौल बना है. यह सरकार के लिए गौरव की बात है.

मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार को मद्महेश्वर मेले के उद्घाटन अवसर पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे. वह इस मेले में भाग लेने वाले प्रदेश के पहले सीएम हैं. उन्होंने ऊखीमठ के प्राकृतिक सौंदर्य की खूब सराहना की.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मद्महेश्वर को पांचवा धाम घोषित किया है और जल्द ही इस धाम में वर्षभर यात्रा का संचालन भी किया जाएगा.

ऊखीमठ क्षेत्र के लोगों ने दो बार की आपदा झेली है. ऐसे में पीड़ितों के घावों पर सरकार मरहम लगाने का कार्य तेजी से कर रही है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में अब गाय के दूध का भोग लगाया जाएगा. इसके लिए सम्बंधित जिले के जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है.

उन्होंने पर्यटक स्थल चोपता में कृत्रिम झील के निर्माण के लिए जिलाधिकारी डॉ राघव लंगर को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि साठ साल पार कर चुके ढोल-दमाऊ बाजीगरों को पेंशन दी जाएगी और उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति सरकार देगी. 2017 में कांग्रेस की सरकार पुन: आने पर चार विभागों में सिर्फ महिलाओं की ही नियुक्ति की जाएगी.

पुलिस, होगगार्ड व पीआरडी में महिलाओं के लिए एक हजार भर्ती निकाली गई हैं और युवाओं के लिए तीस हजार भर्ती निकाली जानी है. साठ साल पार कर चुके बुजुर्ग के लिए रोडवेज की बसों में नि:शुल्क सेवा प्रदान की गई है.

ऊखीमठ में आई 2012 की आपदा के दौरान मृतकों के परिजनों को दो लाख की घोषणा पूरी न होने पर सीएम रावत ने दुख प्रकट किया.

उन्होंने कहा कि जल्द ही उन्हें घोषणा के तहत धनराशि प्राप्त हो जाएगी. 2013 की आपदा के दौरान एलएंडटी कंपनी से प्रभावित पीड़ितों को भी सीएम ने भरोसा दिलाया कि एक माह के भीतर उनकी मांगों पर कार्रवाई कर ली जाएगी.

मुख्यमंत्री ने मेले के लिए 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष देने, नगर पंचायत उखीमठ के लिए 25 लाख रुपये का विशेष ग्रांट, मद्महेश्वर घाटी के विकास हेतु 25 लाख रुपये विशेष ग्रांट, उखीमठ-काकड़ागाड मोटरमार्ग की स्वीकृति, अगले वित्तीय वर्ष तक कन्या हाईस्कूल उखीमठ का इण्टर कालेज में उच्चीकरण, स्वयं सहायता समूह एवं दुग्ध समितियों से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर दुग्ध उत्पादन की सम्भावनाओं को बढ़ाना, चन्द्रापुरी में रीवर राफ्टिंग की सम्भावनाएं तलाशना, मद्महेश्वर को पांचवें धाम के रूप में विकसित करने की योजना, चुन्नी मंगोली क्षेत्र के लिए तीन लाख रपए, मनसूना क्षेत्र के मेले के लिए एक लाख रूपए की घोषणाएं की.

इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं केदारनाथ क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत ने क्षेत्रीय समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. मुख्यमंत्री हरीश रावत का आभार जताते हुए कहा कि केदारघाटी में हवाई एम्बुलेंस सेवा को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए, जिससे कि क्षेत्रीय जनता को इसका लाभ मिल सके.

वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया.

कार्यक्रम के दौरान डॉ जैक्सवीन नेशनल स्कूल गुप्तकाशी, राइंका ऊखीमठ, कन्या जूहा की छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी.

इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष उखीमठ रीता पुष्पवान, ब्लाक प्रमुख संत लाल, जिला पंचायत सदस्य संगीता नेगी, मीना पुण्डीर, चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष देवेन्द्र झिंकवाण, जिलाधिकारी डॉ राघव लंगर, पुलिस अधीक्षक पी एन मीणा, मुख्य विकास अधिकारी सुनील कुमार, एसडीएम उखीमठ उत्तम सिंह चौहान, एसडीएम जखोली देवमूर्ति यादव, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा, पुलिस उपाधीक्षक मिथिलेष कुमार सिंह, मंदिर समिति के कार्याधिकारी अनिल शर्मा, मेला समिति के सह संयोजक अनुसूया प्रसाद भट्ट आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.



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