शराब आपूर्ति मामले में उत्तरा सरकार को झटका
उत्तराखंड के नैनीताल हाई कोर्ट ने शराब आपूर्ति के मामले में सरकार और मंडी परिषद को झटका दिया है.
शराब आपूर्ति मामले में सरकार को झटका (फाइल फोटो) |
इस मामले में दो ब्रांडेड शराब कम्पनियों को राहत मिली है. हाई कोर्ट ने शराब कम्पनियों की याचिका की सुनवाई के दौरान दिसम्बर 2014 की तरह इस वर्ष भी समान मात्रा में आपूर्ति के निर्देश दिए.
इसके साथ विवाद को लेकर सरकार से तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है. कम्पनियों की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदम्बरम पैरवी करने आए थे.
यह निर्देश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की पीठ ने मैसर्स यूनाइटेड स्प्रिट प्रालि और परनोड रिकार्ड इंडिया प्रालि की याचिका पर दिया है. इससे पहले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि 15 मई 2015 को मंडी परिषद के साथ कम्पनी का अनुबंध हुआ था. अनुबंध के मुताबिक कम्पनियों ने मई, जून, जुलाई में चार लअधिक पेटियों की आपूर्ति की.
अगस्त में महज 10 हजार पेटी का ही आर्डर मिला. इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. याचिकाकर्ताओं ने पिछले वर्ष की तरह की इस बार भी आर्डर देने की मांग की. सरकार की ओर से महाधिवक्ता यूके उनियाल ने याचिकाकर्ताओं का विरोध किया.
महाधिवक्ता ने कहा कि कम्पनियों की याचिका का औचित्य नहीं है. कम्पनियां शराब नीति में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं.
उन्होंने मौलिक अधिकारों का जिक्र करते हुए याचिका को अपोषणीय करार देने की कोशिश की लेकिन पीठ ने महाधिवक्ता की दलीलों को नकार दिया और सरकार से जवाब तलब किया. परिषद को इस बार भी आपूर्ति लेने के निर्देश दिए.
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