गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति की डिग्रियां सवालों के घेरे में

Last Updated 18 Nov 2015 02:16:04 PM IST

उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित गुरुकुल कांगड़ी के कुलपति डा. सुरेंद्र कुमार की डिग्रियों पर सवाल उठे हैं.


सवालों के घेरे में कुलपति की डिग्रियां (फाइल फोटो)

आरटीआई कार्यकर्ता हरिफल सिंह व उक्रांद के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया कि कुलपति के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं. पुलिस जांच में भी कुलपति की नियुक्ति में दर्शाए गए दस्तावेजों पर संदेह जताया गया है.

मंगलवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में इन दोनों ने कुलपति के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए कहा कि ये फर्जी हैं. कुलपति डा. सुरेंद्र कुमार की डिग्रियां के संबंधित दस्तावेजों को आरटीआई से जुटाया गया है.

दस्तावेज बताते हैं कि कुलपति का जन्म 12 जनवरी 1951 को हुआ. उन्होंने 1962 में मात्र 11 साल की उम्र में हायर सेकेंडरी की परीक्षा उतीर्ण कर ली. यह संभव नहीं है. उनका कहना था कि गुरुकुल झाज्झर में तत्कालीन पाठविधि में साफ उल्लेख है कि कम से कम 10 वर्ष का और अधिक से अधिक 12 वर्ष की आयु वाला बच्चा ही यहां प्रवेश पा सकेगा. उस गुरुकुल में मध्यमा (हायर सेकेंडरी) नामक परीक्षा 1962 में होती ही नहीं थी.

संस्थान में यह परीक्षा 5 सितंबर 1968 के आर्ष विद्यापीठ के स्थापना के बाद शुरू हुई. सिंह व लखेड़ा ने सवाल उठाए कि सुरेंद्र कुमार ने हरियाणा के कालेज में 16 अगस्त 1972 को सर्विस ज्वाइन की. उस समय उनकी जन्मतिथि के दस्तावेजों में झोल दिखता है.

सुरेंद्र कुमार ने विभिन्न संस्थानों में सेवाएं देते समय बायोडाटा दिए, इनमें इंटरमीडिएट पंजाब विविद्यालय चंडीगढ़ से उत्तीर्ण होना और इस आधार पर विद्या भास्कर (बीए) में प्रवेश किया. पंजाब विवि ने सूचना अधिकार में खुलासा किया है कि विशारद परीक्षा संस्कृत भाषा की परीक्षा है न कि पूर्णकालिक सत्रीय परीक्षा.

इससे साबित होता है कि सुरेंद्र कुमार ने इंटरमीडिएट की परीक्षा कभी पास नहीं की. उन्होंने बताया कि दस्तावेजों के अनुसार कुलपति के लिए किए गए उनके आवेदन में किसी प्रकार के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की छाया प्रति नहीं है. कुलपति सुरेंद्र कुमार ने 14 वर्ष की आयु में एमए पास कर लिया जबकि उन्होंने 1969 में इंटरमीडिएट पास करना दिखाया था और 1970 में बीए की परीक्षा गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर में उत्तीर्ण करना दिखाया है.

उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि 24 जून 2015 को कुलपति सुरेंद्र कुमार के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की शिकायत हरिद्वार के एसएसपी से की गई थी. उन्होंने जांच के लिए लिखा मगर जांच नहीं हुई.



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