उत्तराखंड में पांच छात्राओं को पढ़ाने के लिए सात टीचर!

Last Updated 04 Aug 2015 07:47:21 PM IST

स्कूल खोलने की हड़बड़ी कुछ ऐसी हुई कि सारे मानक ताक पर रख कर एक ऐसा विद्यालय खोल दिया गया, जहां न तो पढ़ने के लिए पर्याप्त बच्चे हैं और न ही पढ़ाने की समुचित व्यवस्था.


उत्तराखंड में पांच छात्राओं को पढ़ाने के लिए सात टीचर! (फाइल फोटो)

शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते खुला ऐसा ही एक विद्यालय का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है. यहां बच्चे पांच हैं और शिक्षिकाएं सात. हरिद्वार जनपद के संघीपुर में खुले राजकीय बालिका इंटर कालेज की ये तस्वीर है.

दो साल पहले (2013-14) में जब यह विद्यालय खुला तो विभागीय अफसरों ने न तो यहां छात्र संख्या देखने की जरूरत समझी और न ही यह देखने की कोशिश की कि इंटर कालेज शुरू होगा तो बच्चे आखिर पढ़ेंगे कहां.

इस विद्यालय की असली तस्वीर अब जाकर शिक्षा विभाग के आला अफसरों के सामने आयी है. दो साल बाद भी यहां हाईस्कूल में सिर्फ पांच छात्राएं पंजीकृत हैं और इंटर की कक्षाओं में तो एक भी छात्रा नहीं है. यही नहीं विद्यालय खोलने के फैसले के बाद इस स्कूल के लिए भवन की व्यवस्था भी नहीं की गयी.

संघीपुर में पहले से चल रहे जूनियर हाईस्कूल के भवन का एक कमरा इंटर कालेज के लिए उपलब्ध करा दिया गया. मौके की स्थिति यह है कि जूनियर हाईस्कूल के चार कमरों में से तीन जूनियर हाईस्कूल के पास हैं और एक में इंटर कालेज चल रहा है.

शिक्षा विभाग के अफसरों ने अनिवार्य तबादलों के नाम पर पिछले दिनों हुए तबादलों के दौरान इस विद्यालय में शिक्षिकाओं की बड़ी फौज भेज दी है. हरिद्वार के बहादराबाद विकास खंड के इस इंटर कालेज में शौचालय तक नहीं है.

यह समझा जा सकता है कि बालिका इंटर कालेज की शिक्षिकाएं इस समस्या से कैसे जूझ रही होंगी. मुख्य सड़क और बाजार से यह लगभग किलोमीटर अंदर भीतर इस विद्यालय तक पहुंचने के लिए नियमित यातायात सुविधा भी नहीं है.

हाईस्कूल में सिर्फ पांच छात्राओं वाले इस विद्यालय में इसी तबादला सत्र में सात शिक्षिकाओं ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है. जबकि कई ने यहां की स्थिति को देखते हुए छुट्टी ले ली है या अपना आदेश रद्द करवा लिया है. सिर्फ एक कमरा होने के कारण वहां तैनात शिक्षिकाओं के सामने बड़ी समस्या यह है कि पढ़ाने वाली शिक्षिका के अलावा अन्य शिक्षिकाएं बाहर कहां खड़ी रहें, क्योंकि उनके बैठने के लिए कोई अतिरिक्त कक्ष भी नहीं है.

अजरुन बिष्ट
एसएनबी


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