आरोपित बीजेपी विधायक पूरन समेत 42 लोगों ने किया आत्मसमर्पण
2014 जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान जिलाधिकारी कार्यालय में तोड़फोड़ मामले में आरोपित बीजेपी विधायक पूरन फर्तयाल समेत 42 लोगों ने सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया.
विधायक पूरन समेत 42 को जेल (फाइल फोटो) |
अदालत ने सभी को जेल भेज दिया है. इनमें तीन जिला पंचायत सदस्य और एक पूर्व सदस्य भी शामिल हैं. इस मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी. सभी आरोपितों को अल्मोड़ा जेल के लिए रवाना कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त 2014 को चंपावत जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव था. चुनाव से पहले भाजपा नेताओं ने जिला पंचायत सदस्य मीना देवी के अपहरण का आरोप लगाया था.
इसके खिलाफ लोहाघाट विधायक पूरन फर्तयाल व समर्थकों ने एक अगस्त को जिलाधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन भी किया था. इस दिन इन लोगों ने हाईवे पर जाम भी लगाया था. पुलिस ने जिलाधिकारी कार्यालय में तोड़फोड़ व हाईवे को जाम करने के आरोप में भाजपा विधायक व समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
इसके लिए विधायक समेत 49 लोगों के खिलाफ वारंट जारी हुआ था. सोमवार को विधायक पूरन सिंह , बीजेपी जिलाध्यक्ष सुभाष बगौली, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एलएम पांडे, जिला पंचायत सदस्य उमाशंकर भट्ट, गोविंद सामंत, मुकेश कुमार समेत 42 बीजेपी नेताओं ने सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया.
इसके साथ ही आरोपितों ने जमानत याचिका दाखिल की. जिसे सीजेएम की कोर्ट ने खारिज करने के साथ ही सभी को जेल भेजने के आदेश जारी कर दिये हैं.
सीजेएम अदालत का आदेश तामील करते हुए पुलिस प्रशासन ने सभी आरोपितों को अल्मोड़ा जेल भेजने का निर्णय लिया है. इस दौरान भाजपाइयों ने जमकर नारेबाजी भी की. इधर इस प्रकरण में आरोपित जिला पंचायत सदस्य मीना देवी का पति जयराम समर्पण करने नहीं आया.
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