आईआईटी के छात्रों को राहत नहीं, पीजी की डिग्री मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत करने के निर्देश

Last Updated 29 Jul 2015 06:33:29 PM IST

नैनीताल हाई कोर्ट ने मेडिकल कालेज के प्रबंधन से पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री को मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत करने के निर्देश दिये हैं.


आईआईटी के छात्रों को राहत नहीं (फाइल फोटो)

इसके साथ ही हल्द्वानी मेडिकल कालेज के पीजी के कई कोसरे को मान्यता मिलने की राह कुछ आसान हो सकती है. यह अंतरिम आदेश प्रियंका चौहान व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने जारी किया है.

इससे पहले मंगलवार को प्राचार्य मेडिकल कालेज सीएमस रावत, निदेशक मेडिकल एजुकेशन, विधि अधिकारी एमसीआई ने व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में हाजिरी बजाई. पूर्व सुनवाई पर इन अधिकारियों को न्यायालय में तलब किया गया था.

इस मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि राजकीय मेडिकल कालेज से पीजी कोर्स किया है. मान्यता न होने के कारण उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. इस मामले में एकलपीठ ने मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत करने का अंतरिम आदेश जारी कर दिया है.

आईआईटी के छात्रों को राहत नहीं

नैनीताल हाई कोर्ट ने आईआईटी रुड़की से निष्कासित छात्रों के मामले में एकलपीठ के आदेश को सही माना है.

इसके साथ ही आईआईटी रुड़की से निकाले गए छात्रों को संयुक्तपीठ से भी किसी तरह की राहत नहीं मिल पायी है जबकि संयुक्त पीठ ने दो छात्रों को प्रवेश देने का निर्णय एक सप्ताह में करने के एकलपीठ के आदेश के खिलाफ आईआईटी रुड़की की विशेष अपील को स्वीकार कर एकलपीठ के इस तरह के आदेश को निरस्त कर दिया है.

इसके साथ ही 72 छात्रों के करियर पर लगा कुहासा और गहरा गया है.

उल्लेखनीय है कि आईर्आटी रुड़की के छात्र विवेक मीणा व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें आईआईटी द्वारा 15 जून 2015 को एक आदेश के जरिए 72 विद्यार्थियों को कालेज से निकाल दिये जाने का उल्लेख किया गया था. विद्यार्थियों का कहना था कि रेग्यूलेशन के पैरा 33 के अनुसार केवल उन्हीं विद्यार्थियों को निकाला जा सकता है, जो प्रथम वर्ष के अंत में निर्धारित अर्न क्रैडिट एवं सीजीपीए लाने में असफल होते हैं.

याचीगणों का यह भी कहना था कि उनका अर्न क्रैडिट निर्धारित सीमा में हैं. इसलिए उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया जा सकता है जबकि आईआईटी प्रबंधन का कहना था कि जो विद्यार्थी निर्धारित अर्न क्रैडिट व सीजीपीए लाता है, उन्हीं विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा सकता है.

इस पर एकलपीठ ने दो विद्यार्थियों को सीजीपीए निर्धारित अंक के आधार पर आईआईटी से एक सप्ताह में निर्णय लेने को कहा था. शेष याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

एकलपीठ ने इस कदम के बाद याचीकर्ताओं ने विशेष अपील दायर की थी. मंगलवार को खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद विद्यार्थियों की विशेष अपील खारिज कर दी है. जबकि दो विद्यार्थियों के मामले में आईआईटी रुड़की की विशेष अपील स्वीकार कर एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही निकाले गए छात्रों की लगभग सभी राह बंद हो गई हैं.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment