स्टिंग ऑपरेशन की जांच डीजीपी सिद्धू को सौंपी

Last Updated 24 Jul 2015 05:25:30 AM IST

निजी शराब व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति में संशोधन के मामले में कथित सौदेबाजी वाली स्टिंग ऑपरेशन के उजागर होने से प्रदेश की सियासत गरमा गई है.


सचिवालय में प्रवेश करने की कोशिश करते भाजयुमो के कार्यकर्ता.

विपक्ष को जहां मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमले का अवसर मिल गया, वहीं पार्टी के अंदर से भी मुख्यमंत्री को चुनौती मिलनी शुरू हो गई है. हालांकि मामले को ठंडा करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्टिंग आपरेशन की सीडी की सत्यता के लिए  फारेंसिंक जांच कराने के लिए डीजीपी को निर्देश दे दिए हैं, लेकिन इस जांच पर भी विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए हैं.

ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए विपक्ष के साथ ही अपनों को साधना चुनौती बना हुआ है. स्टिंग ऑपरेशन के सार्वजनिक होने के बाद दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक सियासत गर्मा गई. भाजपा के आक्रमक तेवरों के बाद कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व सहमा रहा वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीडी की प्रमाणिकता को लेकर सवाल उठाते हुए पूरे मामले को खारिज कर दिया.  मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सीडी की सत्यता के लिए फारेंसिंक जांच की जाएगी.

उससे पहले किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. उधर दिल्ली में सहमी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने फजीहत से बचने के लिए पत्रकार वार्ता कर सीडी में दिखाए गए मुख्यमंत्री के सचिव मौ. शाहिद को निलंबित किए जाने की घोषणा तक कर डाली. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व व मुख्यमंत्री के विरोधाभाषी बयानों ने एक बार फिर से विपक्ष को कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे दिया. जिसके चलते बृहस्पतिवार को पूरे दिन राजनीतिक गलियारों में यह मुद्दा छाया रहा. 

मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू को सीडी की सत्यता की जांच करने के निर्देश दे दिए हैं. साथ ही उन्होंने साफ किया कि जांच से पहले किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. उन्होंने इन खबरों का भी खंडन किया जिनमें कहा जा रहा है कि सीडी में कथित सौदेबाजी करते दिखायी दे रहे आबकारी सचिव मोहम्मद शाहिद को बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह सीडी गढ़ी-गढ़ाई एक पिक्चर की तरह है जिसकी निर्माता-निर्देशक भाजपा है.

इस मामले में अब जांच को लेकर नई सियासत शुरू हो गई है. भाजपा ने सीडी प्रकरण की जांच डीजीपी से कराये जाने पर आपत्ति जता दी है. भाजपा ने  आरोप लगाया कि डीजीपी राज्य के भ्रष्टतम अधिकारियों में से एक हैं और खुद ही कई प्रकार के घोटालों में लिप्त हैं.

सियासत की इस पिच में जहां पार्टी संगठन मुख्यमंत्री के साथ खड़ा दिखायी दे रहा है. वहीं पार्टी में मुख्यमंत्री के धुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी मौके की गंभीरता को देखते हुए राजनीतिक चतुराई दिखाते हुए मुख्यमंत्री पर हमला बोल दिया. उन्होंने पूरे मामले में किसी भी जांच से पहले आरोपित सचिव को पद से हटाए जाने की बात कह कर मुख्यमंत्री के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. साथ ही उन्होंने वर्तमान आबकारी नीति पर भी सवाल उठाए हैं. ऐसे में विपक्ष के साथ अपनों से घिरे मुख्यमंत्री के लिए सीडी प्रकरण चुनौती बना हुआ है.

जितेंद्र नेगी
एसएनबी


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