चारधाम की सड़कों का होगा कायाकल्प

Last Updated 04 Jul 2015 07:17:32 AM IST

चारधाम मार्ग को टू-लेन बनाने व टनकपुर-पिथौरागढ़ राजमार्ग को और बेहतर बनाने के लिए एक खरब 16 अरब 97 करोड़ 31 लाख 70 हजार रुपये का एक्शन प्लान बनाया गया है.


देहरादून : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक करते मुख्यमंत्री हरीश रावत और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती.

इस पूरी परियोजना के आधार पर 889 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाना है. केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास तथा गंगा पुनरोद्धार मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह कार्ययोजना चारधाम यात्रा के लिए उपयोगी सिद्ध होगी. मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मौजूदा राजमागरे की हालत सुधारने और लैंडस्लाइडिंग जोन की मरम्मत पर जोर दिया. उनके अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय चारधाम की सड़कों के लिए एक दीर्घकालिक व एक अल्पकालीन योजना तैयार करने का सुझाव दिया है.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने सचिवालय में शुक्रवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत और केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास तथा गंगा पुनरोद्धार मंत्री उमा भारती के समक्ष चारधाम यात्रा मार्ग की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के चीफ इंजीनियर एके श्रीवास्तव ने  राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत आने वाले चारधाम यात्रा मार्ग के लिए प्रस्तावित टू लेन सड़क मार्ग, मरम्मत कार्य व अन्य विकल्पों के संबंध में विस्तार से बताया.

इस पूरी परियोजना पर 889 किलोमीटरसड़क निर्माण पर लगभग 11697.317 करोड़ रुपये लागत आएगी. प्रस्तुतिकरण के दौरान केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह कार्ययोजना चारधाम यात्रा के लिए उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा मिशन के तहत अब से जो भी कार्ययोजना तैयार हो, उसमें यह भी प्रस्ताव रखा जाय कि गंगा नदी के किनारे बनने वाली सड़क के किनारे मेडिसनल प्लांट लगाए जाएं. इसके अलावा बदरीनाथ और केदारनाथ तक पहुंचने के लिए कुछ अन्य विकल्पों पर विचार किया जाय.

इसके लिए नये रूटों को भी चिह्नित किया जाए. मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले मरम्मत कार्य शुरू किए जाएं. साथ ही जिन स्थानों पर लैंड स्लाइडिंग अधिक होने की संभावना है, उसका भी समाधान निकाला जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय दो बिंदुओं पर प्राथमिकता से कार्य करे, एक तो दीर्घकालीन योजना तैयार करे, दूसरा एक अल्पकालिक योजना तैयार करे. यात्रा मार्ग को बेहतर बनाने के लिए टनल, एलीवेटिट सड़क मार्ग, बाईपास सड़क आदि विकल्पों पर विचार कर कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए.

चारधाम यात्रा मार्ग पर प्रस्तावित कार्ययोजना में तेजी लाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, जो वन भूमि संबंधी एवं अन्य प्रकरणों पर जल्द से जल्द स्वीकृति दिलाने में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को मदद करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्ध कुंभ मेले को देखते हुए फोर लेन के बजाय पहले टू लेन पर ही कार्य किया जाय. ताकि हरिद्वार शहर को जोड़ने वाले सड़क मार्ग को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके. मरम्मत कार्य तुरंत शुरू किया जाए. उन्होंने रोशनाबाद-बिहारीगढ़ राजमार्ग को एनएच के अधीन लेने की भी बात कही. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए  कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक मार्ग को शीर्ष प्राथमिकता पर शुरू किया जाए. इसके अलावा जोशीमठ से बदरीनाथ सड़क मार्ग के लिए भी विशेष योजना तैयार की जाए.

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सिंगल लेन का सड़क मार्ग बनाया जाय. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय जो कार्ययोजना तैयार कर रहा है उसमें यह ध्यान रखा जाए कि प्रस्तावित सड़क मार्ग से स्थानीय उद्योग, पर्यटन व खेती को कम से कम नुकसान हो. ऋषिकेश से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिन स्थानों पर अधिक भूस्खलन होता है, वहां पर सुरक्षा दीवार आदि कार्य किये जाएं. साथ ही ऐसे स्थानों पर उच्च क्षमता की मशीने भी रखी जाएं. हषिर्ल और गंगोत्री में भी विशेष फोकस किया जाय. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ से बद्रीनाथ सड़क मार्ग बेनाकुली के पास भी काफी खराब हो गया है, इसका भी शीघ्र समाधान किया जाय. इसी प्रकार से पांडुकेर के आगे भी सड़क मार्ग काफी खराब है, इसके लिए भी कोई योजना तैयार की जाय. बदरीनाथ में एक अतिरिक्त ब्रिज भी बनाया जाए. उसी अनुसार वैकल्पिक मार्ग का डिजाइन तैयार हो. बैठक में बद्रीनाथ  विधायक राजेंद्र भंडारी, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव एस. रामास्वामी, अपर सचिव लोनिवि अरविंद ह्यांकी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी टीटी नेगी, पीकेमौर्य, अभिजीत कुमार सहित लोनिवि, वन आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.



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