रोजगार से जुड़ेगा नमामि गंगे

Last Updated 03 Jul 2015 06:09:34 AM IST

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरोद्धार मंत्री उमा भारती ने कहा कि नमामि गंगे के परिणाम जुलाई 2018 से दिखने लगेंगे.


देहरादून : बैठक का उद्घाटन करते मुख्यमंत्री हरीश रावत, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, प्रकाश जावड़ेकर, श्रीपद नायक, सर्बानंद सोनोवाल तथा प्रदेश के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल.

उन्होंने कहा कि गंगा के संरक्षण का मुद्दा धार्मिक नहीं बल्कि आर्थिक है.  नमामि गंगे अभियान के तहत उत्तराखंड में नदी के किनारे औषधीय पौधों के प्रोसेसिंग हब विकसित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रकृति व पर्यावरण के बचने पर ही विकास सम्भव है. नदियों में जमा होती जा रही सिल्ट बर्बादी का कारण बन गई है.

उत्तराखंड के साथ ही बिहार व झारखण्ड में यह समस्या गम्भीरता के साथ देखने को मिल रही है. उमा भारती ने कहा कि दिल्ली में बैठकर योजनाएं बनाने वाले अधिकारियों की मंशा व दूरदराज के गांवों में रह रहे लोगों की जिंदगी में मेल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि  नमामि गंगे को रोटी व रोजगार से जोड़ा गया है. नमामि गंगा के तहत स्थानीय युवाओं को औषधीय पौधे लगाने का काम मिलेगा. इसके लिए इनके स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता है.

इको टास्क फोर्स भी बनाई जाएगी. नमामि गंगा अभियान के क्रियान्वयन व मॉनीटरिंग के लिए तीन स्तरीय योजना बनाई गई है. जिला स्तर पर डीएम, राज्य स्तर पर मुख्य सचिव व केंद्र स्तर पर केंबिनेट सेक्रेटरी समन्वय करेंगे. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मानव सभ्यता नदियों के किनारे विकसित हुई है. मानव सभ्यता बचाने के लिए नदियों को बचाना जरूरी है.

सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, ई वेस्ट व बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है. नदियों को बचाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी. गंगा के लिए जंगलों का रहना जरूरी है. अब पांच हजार से अधिक आबादी वाली पंचायतों को भी सॉलिड वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित करना होगा. गंगा संरक्षण हम सभी का मिशन है. गंगा बेसिन के संरक्षण व हिमालय पर शोध के लिए हिमालय संस्थान स्थापित करने का काम प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि गंगा के संरक्षण के लिए उसके आसपास के पारिस्थिकीय तंत्र को भी  मजबूत करना हेागा.

केंद्रीय मंत्री आयुष श्रीपद नायक ने कहा कि गंगा की कहानी भारतीय सभ्यता की कहानी है. नमामि गंगे के तहत औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए उत्तर प्रदेश में 16 करोड़ 17 लाख रुपये , उत्तराखंड के लिए 9 करोड़ 97 लाख रुपये व पश्चिम बंगाल के लिए 3 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. केंद्रीय मंत्री खेल व युवा कल्याण सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को युवा कल्याण मंत्रालय की ओर से पूरे सहयोग के प्रति आस्त किया. उत्तराखंड के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया.



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