पुलिस सर्विस है, फोर्स नहीं : कृष्ण कांत पाल

Last Updated 02 Jun 2015 07:27:08 PM IST

उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि पुलिस सेवा है, बल नहीं और इसका ध्येय जन अपेक्षाओं पर खरा उतरना है.


उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल (फाइल फोटो)

राज्यपाल ने कहा जनता का विश्वास हासिल करने के लिए धैर्य, निष्पक्षता, पारदर्शिता के साथ त्वरित निर्णय की क्षमता तथा समाज में शांति-व्यवस्था बनाये रखने में अपने दायित्वों के प्रति जिम्मेदारी समझना है.

राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्यपाल उत्तराखण्ड पशासनिक अकादमी नैनीताल द्वारा आयोजित तथा भारत सरकार के गृह मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट द्वारा प्रायोजित, देश के विभिन्न राज्यों से आये आई.पी.एस अधिकारियों के 15वें वर्टिकल इंटरेक्शन कोर्स के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.      

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल 1970 बैच के आई.पी.एस हैं, जो वर्ष 2007 तक पुलिस सेवा में रहे. अपने दीर्घ व सफल पुलिस सेवा के अनुभवों को युवा पुलिस अधिकारियों के साथ साझा करके राज्यपाल ने लगभग डेढ़ घण्टे के अपने सम्बोधन में पुलिस अधिकारियों को \'जनसेवक\' के रूप में सफलता के कई मंत्र दिए.

उन्होंने \'जनसेवा\' को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी को पेशेवर तरीके से अपने चारों ओर एक सकारात्मक वातावरण सृजित करना चाहिए.
      
राज्यपाल ने कहा कि जनता का विश्वास हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है हर समय आपकी उपलब्धता, सामान्य परिस्थितियों में भी जनता से संपर्क में रहना, संवाद स्थापित करना, उनकी परेशानियों को धैर्य से सुनना, निष्पक्ष होकर उनका समाधान निकालना और जन समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए आधुनिक संचार व्यवस्था का भरपूर प्रयोग करते हुए ई-मेल से जनशिकायतों को सुनने व उनका जवाब देने की व्यवस्था सुनिश्चित करना तथा पुलिस सेवा की पेशेवर क्षमताओं/दक्षताओं में निरन्तर वृद्धि के लिए केस स्टडीज का अध्ययन करना.

राज्यपाल ने जनहित में कुछ अभिनव प्रयोग भी करते रहने की आवश्यकता जतायी. उन्होंने कहा कि जनता और पुलिस के बीच अच्छे सम्बन्ध विकसित होने से जनता में पुलिस के प्रति विश्वास का भाव जागृत होता है, जिससे कई संभावित समस्याएं जन्म लेने से पहले ही समाप्त हो जाती हैं.

 



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