बहुगुणा ने झाड़ा घोटाले से पल्ला
केदारनाथ आपदा के दौरान हुए घोटालों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने स्वयं की किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी से साफ इनकार किया है.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा (फाइल फोटो) |
उन्होंने सीबीआई जांच की मांग को औचित्यहीन करार देते हुए मुख्य सचिव स्तर की जांच को ही काफी बताया. पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने यहां सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केदारनाथ आपदा के दौरान राज्य सरकार और सेना के जवानों ने सराहनीय काम किया.
आपदा प्रभावित लोगों को मुआवजा भी बढ़-चढ़कर दिया गया. यह पूछे जाने पर कि उत्कृष्ट कायरे का श्रेय यदि वे अपनी सरकार को देते हैं तो उजागर हो रहे घोटालों की जिम्मेदारी किसकी होगी. इस बात पर विजय बहुगुणा ने अपना पल्ला साफ झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि आपदा में किसी को भी घोटाले करने की छूट नहीं दी गई थी. अब यदि किसी प्रकार की अनियमितताएं उजागर होती हैं तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी ही जिम्मेदार होगा.
विपक्ष और अन्य संगठनों की सीबीआई जांच की मांग को उन्होंने औचित्यहीन बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच मुख्य सचिव को सौंपी है. यदि इस जांच के पूरी होने के बाद भी कोई संतुष्ट नहीं होता है तो सीबीआई जांच की बात की जा सकती है, लेकिन फिलहाल इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. विजय बहुगुणा ने मामले को उजागर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता को बधाई का पात्र बताया.
उन्होंने कहा कि अब तक जो भी मामले उजागर हुए हैं, वे बहुत छोटे किस्म के हैं, इनको लेकर अधिक हो-हल्ला नहीं मचाया जाना चाहिए. उनके कार्यकाल में पूरी हुई नानघाट पेयजल योजना की जांच रिपोर्ट से जुड़ी फाइल पर अब तक कार्रवाई न होने को भी अफसोसजनक बताया. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री से बात कर इस घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की अपनी मांग भी दोहराई.
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुबोध उनियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत, नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम, बीज प्रमाणीकरण निगम के उपाध्यक्ष सुदर्शन नेगी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह रावत, कांग्रेस महिला मोर्चा नगर अध्यक्ष संगीता रावत, धर्मवीर सिंह रावत, सुनील लिंगवाल व राजेंद्र प्रसाद टम्टा आदि मौजूद थे.
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