उत्तराखंड में बनेंगे छह नए जिले, मुख्यमंत्री ने कहा- रानीखेत को बनाया जाएगा जिला

Last Updated 29 May 2015 05:40:54 PM IST

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भरोसा दिया है कि जल्द ही उत्तराखंड में छह नये जिलों का गठन किया जाएगा.


उत्तराखंड में बनेंगे छह नए जिले (फाइल फोटो)

इसमें से एक जिला रानीखेत भी बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा और टिहरी में राज्य के वाद्य यंत्रों का संग्रहालय बनाया जा रहा है, जबकि अल्मोड़ा व ऋषिकेश में सांस्कृतिक मेलों का आयोजन किया जा रहा है.

सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में लोगों के साथ सांस्कृतिक धरोहरों का पलायन हो रहा है. इसको रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने ताड़ीखेत में बस स्टेशन और रोडवेज कार्यशाला की स्थापना के साथ ही रानीखेत की ठंडी सड़क के नवनिर्माण के लिए 50 लाख रुपये देने का ऐलान किया.

हरीश रावत ने एक बार फिर से पहाड़ की उजड़ रही खेती पर चिंता जाहिर की और इसे बचाने के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान किया. हरीश रावत ने बृहस्पतिवार को रानीखेत सेना के ऐतिहासिक नरसिंह मैदान में 12 साल बाद आयोजित ग्रीष्मोत्सव के उद्घाटन के बाद आयोजित कार्यक्रम में यह घोषणाएं कीं.

उन्होंने इस तरह के मेलों को पहाड़ की संस्कृति और कला को बचाने के लिए महत्वपूर्ण बताया. सीएम ने कहा कि सरकार ने इस साल अल्मोड़ा व ऋषिकेश में दो मेलों के आयोजन का फैसला लिया है. इन मेलों में पहाड़ की पलायन होती संस्कृति को नई पहचान देने का काम किया जाएगा, जबकि पहाड़ के ढोल दमाऊं व शेष वाद्य यंत्रों को संरक्षण देने के लिए टिहरी व पेटशाल (अल्मोड़ा) में संग्रहालयों की स्थापना की जाएगी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रशासनिक ढांचागत विकास को पहली प्राथमिकता दे रही है. छोटी-छोटी प्रशासनिक इकाइयों का गठन किया जा रहा है. इसके बाद जिलों के गठन के लिए बनाई गई कमेटी की सिफारिश पर राज्य में छह और नये जिलों का गठन किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नए जिलों का गठन सांस्कृतिक व भौगोलिक विषमताओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट समेत रानीखेत के सभी जिला समर्थकों से धैर्य का परिचय देने की अपील की.

हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की पूरे देश में कई वजहों से पहचान है, लेकिन राज्य की नई पहचान खेतों के बंजर होने की बन रही है.

उन्होंने कहा कि पलायन से पहाड़ की खेती बंजर हो रही है. इसमें हरियाली लौटाने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। सरकार जंगली जानवरों से खेती को बचाने के लिए चाहरदीवारी का काम करने जा रही है. इसके लिए नीतिगत फैसला किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इस समय पूरे राज्य में पानी का संकट है. यह कंकरीट के जंगलों के देन है. सभी लोगों को पानी के संकट से निपटने के लिए चाल खाल को बढ़ावा देना होगा. उन्होंने दोहराया कि उत्तराखंड पर्यटन का अग्रणी राज्य बन सकता है. प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही पहाड़ की नाना तरह की संस्कृति व सभ्यता इसमें मील का पत्थर का काम कर सकती है.

इसके लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ त्रासदी के बाद का संकट समाप्त हो गया है. राज्य सरकार अब तक देश व दुनिया का चारधाम आने वाला 80 फीसद पर्यटकों को वापस ला चुकी है.



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