बांध की नहर में रिसाव, खतरे में चौरास परिसर
श्रीनगर जल विद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन शुरू हुए महीने भर का समय भी नहीं हुआ कि परियोजना की नहर में भारी रिसाव प्रारंभ हो गया है.
इसी नहर का पानी रिस रहा है. (इनसेट) ये रहा रिसाव. |
इसके चलते चौरास क्षेत्र के लोगों में भारी दहशत है. जिस तरह से पानी का रिसाव हो रहा है, उससे भविष्य में गढ़वाल विश्वविद्यालय के चौरास परिसर पर संकट गहरा गया है.
इससे पूर्व भी परियोजना की नहर से रिसाव की सूचना मिली थी, लेकिन इतना रिसाव नहीं हो रहा था. श्रीनगर में बने बांध से पानी को पावर हाउस तक पहुंचाने के लिए चौरास क्षेत्र के बीचों बीच तीन किलोमीटर की नहर बनी हुई है. इस नहर से पहले भी रिसाव की बातें सामने आ चुकी हैं, मगर कुछ दिनों से हो रहे पानी के अत्यधिक रिसाव से लोग दहशत में हैं.
रिसाव इस कदर हो रहा है कि पानी गढ़वाल विवि परिसर के नीचे होते हुए विवि के स्टेडियम के छोर से बाहर निकल रहा है. जहां पर पानी का रिसाव हो रहा है, वहां से नहर की दूरी करीब 500 मीटर के आसपास है. गढ़वाल विवि का ऑडिटोरियम सहित दर्जनों विभाग एवं चौरास क्षेत्र की कॉलोनी है. इतनी अधिक मात्रा में पानी निकलने पर गढ़वाल विवि के भूगर्भ शास्त्रियों ने चिंता जाहिर की है.
गढ़वाल विवि के भूगर्भ शास्त्री प्रो. एमपीएस बिष्ट ने कहा कि बांध निर्माण के समय कई बुनियादी बातों का ध्यान न रखने के कारण यह दिक्कतें सामने आई हैं. इसी तरह से पानी का रिसाव होता रहा तो आने वाले समय में चौरास क्षेत्र के सामने बड़ी दिक्कतें आ जाएंगी. जिस स्थान पर रिसाव हुए पानी का स्रोत फूटा है, उसके नजदीक सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों का कहना है कि पहले यह पानी थोड़ा था और लोग इसे किसी प्राकृतिक स्रोत का पानी मान रहे थे मगर दिनों दिन पानी की मात्रा में इजाफा हो रहा है.
इस बारे में बांध निर्माण कार्य कर रही कंपनी जीवीके के जनसंपर्क अधिकारी वाईएस शर्मा का कहना है कि जिन स्थानों से नहर लीक हो रही है, उसे खोज उसका ट्रीटमेंट कर दिया जाएगा. उपजिलाधिकारी कीर्तिनगर डीएस नेगी ने कहा कि इस बारे में बांध निर्माण काम कर रही कंपनी को निर्देशित किया गया है कि शीघ्र ही कंपनी फाल्ट खोजकर इसे ठीक करे.
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