खिर्सू को पर्यटन सर्किट से जोड़ेंगे

Last Updated 21 May 2015 06:34:06 AM IST

खिर्सू महोत्सव का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने प्रदेश में इसी महीने से अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने का आश्वासन दिया.


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्वागत करते ब्लॉक खिर्सू महोत्सव समिति के पदाधिकारी.

महोत्सव में उन्होंने पौड़ी, श्रीनगर, खिर्सू व लैंसडौन को जल्द पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की बात कही.

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को खिर्सू महोत्सव का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने पौड़ी, श्रीनगर, खिर्सू व लैंसडौन को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की बात कही. उन्होंने कहा कि इसी महीने से प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी जाएगी.

अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी. खेल मैदान खिर्सू में मंच निर्माण के लिए मुख्यमंत्री व विधायक ने पांच-पांच लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पहाड़ों से लगातार बढ़ रहे पलायन पर चिंता जताते हुए कहा कि पहाड़ों से जहां लोग निरंतर पलायन कर रहे हैं वहीं यहां की संस्कृति भी विलुप्त होती जा रही है.  उन्होंने कहा कि पहाड़ों की संस्कृति दिल्ली में खूब रंग जमाती दिखाई दे रही है और वहां ढोल-दमाऊं की थाप सुनाई दे रही है.

मुख्यमंत्री ने खिर्सू में पंथ्या दादा के नाम आईटीआई स्थापित करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह आईटीआई सिर्फ महिलाओं के लिए संचालित किया जाए तो बेहतर होगा. उन्होंने चिंता जताई कि प्रदेश में संचालित चार इंजीनियरिंग कालेजों का राज्य के मात्र 38 फीसद छात्र-छात्राएं लाभ उठा पा रहे हैं.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ विधायक श्रीनगर गणोश गोदियाल, नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम, पालिकाध्यक्ष श्रीनगर विपिन मैठाणी, ब्लॉक प्रमुख खिर्सू सुषमा नेगी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोविन्द सिंह रावत व खिर्सू महोत्सव के अध्यक्ष लखपत सिंह भंडारी ने अपने विचार व्यक्त किए. 

महोत्सव में बुधवार को गढ़कला सांस्कृतिक मंच के कलाकारों ने लोकगीत व लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया. लोकगायक अनिल बिष्ट ने ‘हुंगरा लगांदी भग्यानी’, ‘तिमरो-हमरो कांछी’ आदि गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. 

इसके साथ ही गायक विवेक नौटियाल ने ‘एकता डांडी’ लोकगीत की प्रस्तुति से दर्शकों को भावविभोर कर दिया. इसके साथ अल्मोड़ा जिले से दान सिंह बोहरा व साथियों की छोलिया नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से वाहवाही लूटी. महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम देर शाम तक जारी रहे. कार्यक्रम का संचालन त्रिभुवन उनियाल ने किया.

 



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