हेमकुंड की पैदल दूरी तीन किमी घटी

Last Updated 21 May 2015 06:26:52 AM IST

इस बार हेमकुंड-लोकपाल जाने वाले तीर्थयात्रियों को पुलना तक यातायात सुविधा का लाभ मिलने से उन्हें तीन किमी पैदल आवाजाही से निजात मिलेगी.


हेमकुंड की पैदल दूरी तीन किमी घटी

इसके साथ दैवीय आपदा से बुरी तरह क्षतिग्रस्त गोविंदघाट- हेमकुंड यात्रा मार्ग काफी व्यवस्थित हो चुका है. इससे तीर्थयात्रियों को आवाजाही में मुश्किलें नहीं झेलनी पड़ेंगी.

बीते जून 2013 की आपदा के बाद हालांकि 2014 के यात्राकाल मे भी हेमकुंड साहिब की यात्रा पर श्रद्धालु पहुंचे लेकिन तब यह मार्ग बेहद खराब स्थिति में था. तीर्थयात्री जान हथेली पर रखकर सफर तय करने को विवश थे. इस वर्ष यह मार्ग व्यवस्थित कर लिया गया है.

इस बार तीर्थयात्री वाहनों से पुलना गांव से 500 मीटर पहले तक वाहनों से आवाजाही कर सकेंगे. इससे तीर्थयात्रियों को हेमकुंड का सफर तय करने में तीन किमी के पैदल सफर से निजात मिलेगी. वैसे जंगलचट्टी से भ्यूंडार के बीच आपदा के कारण मार्ग ध्वस्त होने से डेढ़ किमी पैदल दूरी और बढ़ गई थी. इस तरह अब साढ़े 18 किमी का पैदल सफर ही तय करना पड़ेगा.

पुलना से घांघरिया व हेमकुंड साहिब तक का मार्ग भी आपदा के बाद पैदल व घोड़े-खच्चरों के चलने के लिए काफी चौड़ा कर दिया गया है. आपदा के दौरान इस मार्ग पर भ्यूंडार गांव सहित पूरे क्षेत्र के मार्ग व पुल आपदा के भेंट चढ़ गए थे. अब गोविंदघाट मे मोटर पुल के साथ ही भ्यूंडार क्षेत्र मे तीन पैदल पुलों के निर्माण किया जा चुका है. 

इसके अलावा घांघरिया, फूलों की घाटी व हेमकुंड में सीढ़ी एरिया में भी नये पुलों को निर्माण किया जा चुका है. कुल मिलाकर शासन स्तर से हेमकुंड साहिब-लोकपाल की यात्रा के लिए सुविधाएं पूरी तरह मुहैया करा दी गई हैं. अब बस इंतजार है बड़ी संख्या मे श्रद्धालुओं के पहुंचने का.

हेमकुंड यात्रा के मुख्य पड़ाव गोविंदघाट जो जून 2013 की आपदा के दौरान जमींदोज हो गया था. अब धीरे-धीरे यहां की भी तस्वीर बदलने लगी हैं. लॉज व पार्किग निर्माण के बाद लोगों मे भी यात्रा को लेकर उत्साह बढ़ने लगा है.

उधर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट गोविंदघाट के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार उन्हें इस वर्ष गत वर्ष की अपेक्षा यात्रा बढ़ने की पूरी उम्मीद हैं. उनके अनुसार पंजाब के अलावा दिल्ली, मुंबई व विदेशों से भी सिख श्रद्धालुओं के यात्रा मार्ग को लेकर लगातार फोन आ रहे हैं. इससे लगता है कि यात्रा इस वर्ष 2013 से पूर्व वर्षो की तर्ज पर चरम पर रहेगी.

जोशीमठ के एसडीएम अनूप नौटियाल ने घांघरिया से लौटकर जानकारी दी कि गोविंदघाट से घांघरिया तक मार्ग पूरी तरह सुरक्षित है. घांघरिया तक मार्ग मे शौचालय आदि निर्माण कार्य किया जा रहा है. इन्हें कपाट खुलने से पूर्व तैयार कर लिया जाएगा.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment