उत्तराखंड में अब तैयार होगा राज्य के विकास का रोड मैप
उत्तराखंड में तय समय सीमा में विकास कार्य व योजनाएं पूरी हो सके इसके लिए कैबिनेट के फैसलों व मुख्यमंत्री की घोषणाओं को अमल में लाने के लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो) |
वित्तीय वर्ष में ही सभी घोषणाओं पर कार्य हो सके इसके लिए वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनायी जा रही है.
इस रणनीति के तहत विगत एक वर्ष में की गई मुख्यमंत्री की घोषणाओं व कैबिनेट के निर्णयों की समीक्षा की जा रही है. इसके लिए 25 मई का दिन निर्धारित किया गया है. सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री रावत ने एक फरवरी 2014 को प्रदेश की कमान संभाली थी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनता की मांग पर विकास कायरे से संबंधित सैकड़ों घोषणाएं की गई है. यही नहीं कैबिनेट में भी इस दौरान कई योजनाओं को स्वीकृत किया गया. इन सभी योजनाओं व घोषणाओं पर अबतक कितना अमल हो पाया यह कह पाना मुश्किल है.
हालांकि सच्चाई यह भी है कि मुख्यमंत्री की कई घोषणाएं व कैबिनेट के कई निर्णय केवल फाईलों तक ही सीमित रह जाते है. इससे सरकार की किरकिरी तो होती है कि कार्यपण्राली पर भी प्रश्न चिह्न लगता है. जनता का सरकार पर विास कायम रहे इसके लिए जरूरी है कि कैबिनेट फैसलों व मुख्यमत्री की घोषणाओं पर तय समय में अमल हो. इस संबंध में मुख्यसचिव एन रवि शंकर ने बताया कि विगत सात-आठ माह पूर्व की गई घोषणाएं में से 30-40 प्रतिशत घोषणाओं पर वित्तिय संसाधनों के आधार पर कार्यवाही गतिमान है. विगत 3-4 माह की घोषणाओं की समीक्षा की जानी है.
विगत वित्तीय वर्ष में जिला योजना व अन्य योजनाओं के तहत कार्य हुए. वर्तमान वित्तीय वर्ष में संसाधन जुटाने के लिए क्या प्रयास करने होंगे, ताकि घोषणाओ का अनुपालन हो सके. वर्तमान में हमारे सामाने संसाधन जुटाना सबसे बड़ी चुनौती है.
केंद्र ने 14 वित्त आयोग की संस्तुति और नीति आयोग ने प्रदेश को मिलने वाली आर्थिक सहायता में करीब दो हजार करोड की कटौती कर दी है. इसकी भरपाई के लिए हमे अपनी राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि करनी होगी. उसी क्रम में जो घोषणाएं व योजनाएं गतिमान है, उनके वित्त पोषणा के लिए योजनबद्ध तरीके से काम करना होगा. वित्तीय वर्ष के शुरू में ही घोषणाओं की समीक्षा करके संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए वर्ष भर का प्लान तैयार किया जाएगा.
जहां तक कैबिनेट फैसलों की बात है करीब 80-90 प्रतिशत मामलों में शासनादेश जारी कर दिए गए है. कुछ विभागों की ओर से कुछ मामालों में आ रही समस्याओं को देखते हुए उसके सरलीकरण पर विचार किया जाएगा ताकि निर्णय पर अमल हो सके. मुख्य सचिव ने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे 25 मई से पहले अपने स्तर पर समीक्षा कर मंत्रिमंडल के निर्णयों और मुख्यमंत्री के घोषणाओं की प्रगति की जानकारी हासिल कर पूरी तैयारी कर लें.
| Tweet |