तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खुले

Last Updated 09 May 2015 05:50:38 AM IST

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोचारण व रीति-रिवाजों के अनुसार आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये गये हैं.


ऊखीमठ : तुंगनाथ मंदिर की परिक्रमा करती डोली.

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के तुंगनाथ पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने डोली का पुष्प व अक्षत से भव्य स्वागत किया और वस्त्र अर्पण कर मनौतियां मांगीं गई.

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शुक्रवार को चोपता से नौ बजे तुंगनाथ के लिए रवाना हुई तो विभिन्न पड़ावों में पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने डोली का भव्य स्वागत किया. उत्सव डोली ने तुंगनाथ मन्दिर की तीन परिक्रमा कर मन्दिर परिसर में अवस्थित भूतनाथ, भैरवनाथ, रुद्रनाथ, पंचकेदार, दुर्गा मंदिरों को शीश झुकाया और पितृशिला, गरुड़शिला के दर्शन कर भोग मंडी भंडार व कार्यालय का निरीक्षण कर मन्दिर परिसर में विराजमान हुई. करीब साढ़े बजे लग्नानुसार मंदिर के कपाट खोले गए. ब्राह्मणों व वेदपाठियों के स्वस्ति वाचन किया.

स्थानीय वाद्ययंत्रों की धुनों व श्रद्धालुओं की जयकारों से तुंगनाथ का पूरा इलाका गुंजायमान हो उठा. कुछ समय बाद मन्दिर के गर्भगृह से शंख ध्वनि देकर भगवान तुंगनाथ की मूर्ति को गर्भगृह में लाने का न्योता दिया गया तो चल विग्रह उत्सव डोली के साथ चल रहे श्रद्धालुओं ने शंख ध्वनि के न्यौते को स्वीकार कर डोली के अन्दर विराजमान भगवान तुंगनाथ की मूर्ति को गर्भगृह में ले जाकर छह माह के लिए भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग के साथ विराजमान कराया.

मंदिर के कपाट खुलते ही गर्भगृह में विराजमान भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को कपाट बन्द होते समय भस्म, चन्दन, अक्षत, पुष्पों द्वारा दी गयी समाधि को श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया. तुंगनाथ मन्दिर के हक-हकूकधारियों ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग व तुंगनाथ की मूर्ति का अभिषेक, दान सहित विभिन्न पूजायें सम्पन्न कर आरती उतारी और सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ की पूजा-अर्चना जलाभिषेक कर मनौती मांगी.



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