आस्था व रोमांच से भरी होगी केदारनाथ यात्रा

Last Updated 22 Apr 2015 03:21:28 AM IST

चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है.


केदारनाथ के कपाट 24 अप्रैल को खुलेंगे. इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. बर्फ काटकर मंदिर तक रास्ता बनाया गया है.

24 अप्रैल को केदारनाथ और 26 अप्रैल को बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा पूर्णरूप से आरंभ मानी जाएगी. चारों धामों में इस बार केदारनाथ की यात्रा सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

प्राकृतिक प्रकोप से भले ही जून 2013 में केदारनाथ का दृश्य भयावह हो गया था, मगर अभी केदारनाथ अनुपम सुंदर दिख रहा है. यही वजह है कि केदारनाथ की यात्रा इस बार श्रद्धा के साथ काफी रोमांचकारी होगी. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति व स्थानीय प्रशासन की ओर से यात्रा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. वर्ष 2013 की आपदा के बाद जिस तरह से चारधाम यात्रा प्रभावित हुई थी. मगर सरकार व प्रशासन के प्रयास से वर्ष 2014 में चारधाम यात्रा को संचालित कर दिया गया था. अब गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने पर श्रद्धालुओं में खासा जोश देखा जा रहा है. इससे लगता है कि इस वर्ष चारधाम यात्रा अपने पुराने स्वरूप में लौट सकती है. इसी प्राकृतिक छटा से वर्तमान में चारों धाम प्रकृति की असीम सुंदरता का प्रतीक बने हुए हैं. आपदा से सबसे अधिक केदारनाथ प्रभावित हुआ था. इसलिए सरकार का सबसे अधिक फोकस केदारनाथ में रहा. वर्तमान में चारों धामों में केदारनाथ ही सबसे अधिक संवेदनशील बना है. गत 42 वर्षो में इस बार केदारनाथ में बर्फबारी जमकर हुई.

इसके साथ ही विगत वर्ष जहां कपाट मई में खुले, वहीं इस बार अप्रैल में  खुल रहे हैं. इसके चलते केदारघाटी पूरी तरह बर्फ से लकदक है. केदारघाटी वर्तमान में भी करीब आठ से दस फीट बर्फ है. इसलिए केदारनाथ का दृश्य वर्तमान में अलौकिक है. गौरीकुंड के बाद पैदल मार्ग भले ही थकान भरा होगा, मगर लिंचोली के बाद केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा रोमांचकारी होगी. लिंचोली से केदारनाथ तक करीब पांच किमी की इस पैदल यात्रा में श्रद्धालुओं को करीब 800 मीटर की यात्रा बर्फ की टनल के बीच से होकर गुजरेगी, जो सबसे अधिक रोमांचकारी होगी. स्थानीय लोगों को मानना है कि रोमांच का यह नजारा मई प्रथम सप्ताह तक ही देखने को मिलेगा. उसके बाद बर्फ पिघलने से यह नजारा ओझल हो जाएगा.

केदारनाथ में तैयारियां जोरों पर

कपाट खुलने में अब मात्र दो दिन शेष हैं, ऐसे में केदारनाथ में तैयारियां जोरों पर है. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से मंदिर परिसर की साफ- सफाई व रंग-रोगन का काम जारी है, जबकि कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में निम की टीम मजदूरों के साथ मंदिर परिसर के आसपास यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था में जुटी है. कर्नल कोठियाल ने बताया कि केदारनाथ में यात्रियों के ठहरने के लिए टेंट कालोनी बनाई जा रही है. इसमें करीब एक हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी. इसके अतिरिक्त कॉटेजों का निर्माण किया जा रहा है जिसमें करीब 500 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी. वर्तमान में करीब 13 कॉटेज बनकर तैयार हो चुकी है.

इसी प्रकार केदारनाथ से एक किमी पीछे केदारनाथ बेस कैंप में भी 20 कॉटेज बनाई गई है, जिसमें 120 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. वहीं करीब 28 टेंटों की कॉलोनी बनाई गई है. यहां पर 1500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. इसी प्रकार लिंचोली में भी 25 कॉटेज और 50 टेंट लगाए जा रहे हैं. रामबाड़ा से केदारनाथ का रास्ता साफ है. रामबाड़ा से केदारनाथ के लिए करीब 30 दुकानों का निर्माण भी हो चुका है. जबकि अभी सौ दुकानें बनाई जाएंगी. यह दुकानें उन लोगों को आवंटित की जाएंगी, जिनकी यहां पहले दुकानें थीं. एक टेंट में करीब दस लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. इसमें बेड सहित स्लिपिंग बैग दिए जाएंगे. बिजली-पानी की व्यवस्था बहाल हो गई है. निट के स्टूडेंट व कर्नल कोठियाल के साथ वालिंटियर काम कर रहे आमोद पंवार ने बताया कि वह केदारनाथ में पिछले वर्ष 11 मार्च से काम कर रहे है, जिस तरह से पूरे वर्ष केदारनाथ में काम हुआ यही वजह है कि 10-12 फुट बर्फ गिरने के बाद  वर्तमान में यात्रा शुरू की जा सकी है.

केदारनाथ से लौटकर जितेंद्र नेगी
एसएनबी


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