उत्तराखंड में संस्कृत टीवी चैनल जल्द

Last Updated 01 Apr 2015 05:34:01 AM IST

उत्तराखंड राज्य में संस्कृत का सरकारी चैनल जल्द खुलेगा. चैनल खोलने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरी झंडी दे दी है.


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो)

चैनल खुलने के साथ ही उत्तराखंड संस्कृत चैनल शुरू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को चैनल की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

संस्कृत अकादमी द्वारा संस्कृत चैनल को स्थापित करने एवं संचालित किए जाने संबंधी प्रस्ताव कार्य समिति में पारित किया गया. इसी प्रस्ताव में एफएम रेडियो व कम्युनिटी रेडियो शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया.

शासन के माध्यम से भेजे गए तीनों प्रस्तावों को मुख्यमंत्री की तरफ से 25 मार्च को हरी झंडी मिल गई. मुख्यमंत्री संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष भी हैं. संस्कृत चैनल खोले जाने के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चैनल खोले जाने के संबंध में डीपीआर तैयार कर परीक्षण के लिए सचिव समिति के सामने रखें.

सचिव समिति योजना के लिए नीति निर्धारण का काम करेगी. संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. सुरेश चरण बहुगुणा ने बताया कि देश ही नहीं विश्व के किसी कोने में संभवतया अब तक संस्कृत चैनल नहीं है. उत्तराखंड पुरातनकाल से ही ऋषि मुनि व देवी-देवताओं की स्थली रही है.

इस वजह से ही भी यहां की तीर्थ व पौराणिक स्थलों के बारे में संस्कृत भाषा में विस्तृत उल्लेख मिलता है. देवभूमि में धार्मिक स्थलों और हिमालय दर्शन के लिए विश्व के हर कोने से लोग आते हैं. संस्कृत को राज्य में दूसरी राजभाषा का दर्जा भी है और संस्कृत के विकास के लिए सरकार ने संस्कृत अकादमी के अलावा संस्कृत विश्वविद्यालय भी खोला है.

अकादमी के सचिव डॉ. बहुगुणा ने कहा कि अकादमी, विश्वविद्यालय और निकट भविष्य में खुलने वाले चैनल का उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार से जुड़ा है. संस्कृत का व्यापक असर हो और भाषा , प्राथमिक शिक्षा के स्तर से छात्रों को पढ़ाई जाए इसके लिए सरकार ने पूर्व में प्रत्येक विकासखंड में संस्कृत के पांच-पाच प्राथमिक विद्यालय खोलने और कई गांवों को संस्कृत गांव के नाम से घोषित करने का फैसला लिया है.



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