उत्तराखंड सरकार ने शुरू किया यूपीसीएल का निजीकरण

Last Updated 27 Mar 2015 06:24:21 AM IST

उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड ऊर्जा निगम लिमिटेड (यूपीसीएल) का निजीकरण शुरू कर दिया है.


उत्तराखंड सरकार ने शुरू किया यूपीसीएल का निजीकरण

निजीकरण की इस मुहिम के पहले चरण में ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले से शुरू होगा. इन जिलों के काशीपुर विद्युत वितरण मंडल और रुड़की विद्युत वितरण मंडल का काम निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा.

इन विद्युत वितरण मंडलों में कामकाज से संचालन को लेकर मिलने वाली शिकायतों के निराकरण के लिए प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. सचिव ऊर्जा डॉ. उमाकांत पंवार ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

पिछले दिनों कैबिनेट ने काशीपुर विद्युत वितरण मंडल व रुड़की विद्युत वितरण मंडल का कार्य निजी हाथों में देने का निर्णय लिया था. इस संबंध में  सचिव ऊर्जा की ओर से बृहस्पतिवार को ऊधमसिंह नगर एवं हरिद्वार में विद्युत वितरण में हो रही अत्यधिक हानि को कम करने एवं राजस्व में वृद्धि करने के लिए कुछ शतरे के साथ काशीपुर व रुड़की विद्युत वितरण मंडल को इनपुट बेस्ड डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी के माध्यम से संचालित करने को मंजूरी दी है.

उन्होंने बताया कि फ्रेंचाइजी, यूपीसीएल के वितरण लाइसेंस के अंतर्गत सभी कार्यों का निर्वाह व विद्युत उपभोक्ताओं से सीधे राजस्व का संग्रह करेगी. अनुबंध के प्रत्येक (10-20) वर्ष के लिए यूपीसीएल द्वारा न्यूनतम ऊर्जा प्राप्ति दरें निर्धारित की जाएंगी. निविदा में निविदादाता द्वारा इस न्यूनतम दर से अधिक की दर देनी होगी, जो निविदादाता अधिकतम दर प्रस्तुत करेगा   उसे चयनित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि राज्य के विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरें फ्रेंचाइजी क्षेत्र के उपभोक्ता पर भी प्रदेश के अन्य उपभोक्ताओं की तरह लागू रहेगी. फ्रेंचाइजी पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित नियम विनियम, शत्रे व मानक लागू होंगे. फ्रेंचाइजी कुल वाषिर्क राजस्व का कम से कम 50 प्रतिशत का वितरण पण्राली में सुधार के लिए आवश्यक पूंजीगत कार्यों में अगले पांच वर्षो तक निवेश करेगा (न्यूनतम वाषिर्क राजस्व का 10 प्रतिशत) फ्रेंचाइजी द्वारा निविदा में दी गई दर से पूंजीगत निवेश पर लाभ शामिल रहेगा. फ्रेंचाइजी को ऊर्जा निगम अपनी संपत्ति के प्रयोग का अधिकार देगा.

हालांकि संपत्ति पर मालिकाना हक ऊर्जा निगम का ही रहेगा. सभी परिसम्पत्तियों को रखरखाव का दायित्व फ्रेंचाइजी का होगा, निष्प्रयोज्य सम्पत्तियां ऊर्जा निगम के स्टोर में जमा की जाएंगी. अनुबंध की समाप्ति पर यूपीसीएल की संपत्तियों की मात्रा में अगर कोई कमी पाई जाती है तो फ्रेंचाइजी से सामग्री की क्षतिपूर्ति प्रतिस्थापन मूल्य पर की जाएगी. डॉ. पंवार ने बताया कि उपाकालि वर्तमान ऊर्जा क्रय अनुबंधों के अनुसार न्यूनतम तय मात्रा में फ्रेंचाइजी को ऊर्जा उपलब्ध कराएगा. यद्यपि ऊर्जा क्रय अनुबंध फ्रेंचाइजी  हस्तांतरित नहीं होंगे.

फ्रेंचाइजी के पास यह विकल्प होगा कि वह उपभोक्ता की मांग पूर्ति के लिए वह अतिरिक्त बिजली सीधे खरीद सकेगी. फ्रेंचाइजी द्वारा वितरण हानियों में कमी करके अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकेगा, जिसके लिये बेहतर संचालन एवं अनुरक्षण, चोरी की रोकथाम, बिलिंग में सुधार, राजस्व की 100 प्रतिशत वसूली, अवशेषों की वसूली, परिचालन व अनुरक्षण खर्च में कमी, आईटी का प्रयोग करके बेहतर विद्युत वितरण पण्राली और प्रबंधन से परिचालन खर्च में कमी से फ्रेंचाइजी को लाभ होगा.



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