उत्तराखंड में हिमस्खलन से दो जवान शहीद

Last Updated 04 Mar 2015 06:44:04 AM IST

छियालेख में हिमस्खलन से दो कुमाऊं स्काउट के दो जवान शहीद हो गये, जबकि एक लापता है. आईटीबीपी के जवानों ने पांच घायलों को निकाल लिया है.


रुद्रप्रयाग में जमकर बर्फबारी हुई है. इससे रास्ते व पुलों पर चलना कठिन हो गया है.

उनका छियालेख स्थित आर्मी यूनिट में इलाज चल रहा है. सेना के हेलीकॉप्टर सुबह धारचूला पहुंच गये थे, लेकिन खराब मौसम के कारण घायलों को जिला मुख्यालय नहीं लाया जा सका.

राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने दिवंगत जवानों की आत्मा की शांति और उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है. मुख्यमंत्री ने सेना के अधिकारियों को हर संभव सहयोग का आासन दिया है. 

वहीं सीमांत क्षेत्र माणा में भी हिमस्खलन हुआ. इसमें नुकसान की सूचना नहीं है. माणा और बदरीनाथ छह फीट से अधिक बर्फ जम गई है. बागेश्वर में भारी बारिश से दो लोगों की मौत हो गई. तहसील कपकोट के ग्राम भयूं पटवारी क्षेत्र असौं आवासीय नालधार टिन छाया में मकान पर बोल्डर गिरने से नारायण राम पुत्र दीवान राम की मौत हो गई, वहीं गरुड़ के ग्राम खितोली क्षेत्र नौगांव के दयाकृष्ण पुत्र माधवानंद (45) खितोली जाते समय गरुड़ गंगा नदी मेांबह गए और उनकी मौत हो गई.

जिलाधिकारी भूपाल सिंह मनराल ने मौतों की पुष्टि की है.  कुमाऊं स्काउट धारचूला से प्राप्त सूचना के अनुसार दो मार्च को रात आठ बजे के करीब छियालेख में हिमस्खलन व भूस्खलन से सात लोगों के दबने की सूचना मिली.  इसके बाद छियालेख स्थित आईटीबीपी कैंप के जवानों ने पांच घायलों को बाहर निकाल लिया. इस बीच शहीद हुए दो जवान के शव को भी बाहर निकाला गया. हालांकि एक लापता की खोज के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है.

घटना स्थल पर कुमाऊं स्काउट व आठवीं असम रेजीमेंट के जवानों ने खोज व बचाव का काम किया. इस हादसे में हवलदार कुमाऊं स्काउट के संतोष चंद निवासी बुंगा सिलिंग तहसील पिथौरागढ़ और सिपाही प्रदीप कुमार निवासी डोल्मा वल्थी मुनस्यारी शहीद हो गये. कुमाऊं स्काउट के ही हवलदार भोपाल सिंह निवासी अल्मोड़ा, सिपाही संजय सिंह निवासी अल्मोड़ा, हॉल ऊधमसिंह नगर, सिपाही नरेंद्र सिंह ग्राम बस्ती कपकोट बागेश्वर, नायक रामू 2009 हॉस्पिटल जोशीमठ निवासी गुजरात घायल हो गये.

सिग्नलमैन सईद अब तक लापता है. उसकी खोजबीन जारी है. जिलाधिकारी सुशील कुमार ने सूचना के तत्काल बाद आईटीबीपी के अधिकारियों से संपर्क कर रेस्क्यू के बारे में जानकारी ली. जिलाधिकारीने बताया कि क्षेत्र में एक टुकड़ी चिकित्सा व्यवस्था के साथ राहत पहुंचाने के लिए भेज दी गई है. डीएम ने तहसील प्रशासन धारचूला को आवश्यक निर्देश जारी कर राहत एवं बचाव आदि के निर्देश दिये हैं.

उधर, माणा में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश व हिमपात से पूरे सीमावर्ती क्षेत्र को जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. ऊ परी इलाकों में हो रहे हिमपात के चलते माणा में सेना कैंप और माणा गांव के बीच हिमस्खलन होने की सूचना है, मगर इस हिमस्खलन से किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है. सेना की स्काउट्स बटालियन ने हिमस्खलन होने की पुष्टि करते हुए कहा है कि सेना कैं पस से कुछ दूरी पर माणा की ओर नाले में हिमस्खलन हुआ है. इससे सड़क तो क्षतिग्रस्त हुई है. माणा व बदरीनाथ मे पिछले तीन दिनों से लगातार हिमपात होने से अब तक उस क्षेत्र में छह फीट 20 सेमी तक बर्फ की मोटी परत जम चुकी है. नीती घाटी के हालात भी फिलहाल ठीक बताए जा रहे हैं. इधर प्रखंड के ऊं चाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

क्षेत्र के डुमक, कलगोठ, उर्गम व सलूड़-डुंग्राघाटी के अलावा नीती माणा घाटियों में सालभर निवास वाले गांवों मे भारी हिमपात के कारण लोग घरों में ही कैद होकर रह गए हैं. जोशीमठ के एसडीएम अनूप नौटियाल के अनुसार अब तक किसी प्रकार के कोई अप्रिय समाचार नहीं है. उनका कहना था कि माणा घाटी में लामबगड़ स्लाइड एरिया बंद होने से लामबगड़, हनुमान चट्टी व पड़गासी गांव के लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. लामबगड़ व हनुमान चट्टी के बीच बलराम ब्रिज के पास मलबा आने से बदरीनाथ मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment