तिब्बत से उत्तराखंड के गहरे रिश्ते : सीएम

Last Updated 01 Mar 2015 06:26:55 AM IST

सत्य व अहिंसा बौद्ध धर्म के मूल तत्व हैं और यही भारतीय संस्कृति के भी आधार रहे हैं. यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तिब्बती समुदाय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही.


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरिश रावत को स्मृति चिह्न भेंट करते तिब्बती समुदाय के लोग.

उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म ने भारत को दुनिया के एक बड़े हिस्से के साथ जोड़ने का काम किया. दलाई लामा पूरे वि में शांति के प्रतीक के रूप में पहचाने जाते हैं. गुरु पद्म संभव के जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

क्लेमेंटाउन में तिब्बती समुदाय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का तिब्बती समुदाय से गहरा संबंध है. हम इन्हें अपने ही जीवन का हिस्सा मानते हैं. इनसे हमारी संस्कृति और समृद्ध हुई है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में निवास कर रहे तिब्बती समुदाय की समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार तत्पर है. जो भी कठिनाइयां हों, उसके निदान के लिए कभी भी सीएम आवास आकर मिल सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्य व अहिंसा के जिस रास्ते पर चलकर भारत को स्वतंत्रता मिली, तिब्बती बौद्धों के जीवन चरित्र का आधार वही है. धर्मगुरु दलाईलामा को पूरी दुनिया सम्मान से देखती है.

देहरादून के कालसी में अशोक द्वारा स्थापित बौद्ध स्तूप इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड का बौद्ध धर्म से बहुत पुराना संबंध है. गौरतलब है कि गुरु पद्म संभव के जन्म दिवस पर तिब्बती समुदाय द्वारा इस उत्सव का आयोजन किया गया था.

इस अवसर पर कारग्यू मठ के धर्मगुरु छोगोन रिनपोछे के साथ ही बड़ी संख्या में तिब्बती समुदाय के गणयमान्य लोग भी मौजूद थे.



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