हरीश रावत ने रेल बजट में राज्यहित से जुड़ी परियोजनाओं को शामिल करने का किया अनुरोध

Last Updated 24 Feb 2015 12:12:00 PM IST

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु से भेंटकर रेल बजट में राज्यहित से जुड़ी परियोजनाओं को शामिल करने का अनुरोध किया.


उत्तराखंड में रेल सेवा विस्तार पर होगा विचार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली में हुई इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की रेल सेवाओं के त्वरित विस्तार की आवश्यकता है. इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से पहले भी प्रस्ताव भेजे गये हैं.
 
उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तथा तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं एवं सामरिक दृष्टिकोण व राष्ट्रहित में रेल सेवाओं को विस्तारित करने की जरूरत है.
 
उत्तराखंड विशेष श्रेणी राज्य होने के कारण रेलवे परियोजनाओं के व्यय में अंशदान देने में असमर्थ है और सामरिक महत्व की परियोजनाओं को आर्थिक मानदंड प्रक्रिया से मुक्त रखना भी आवश्यक होगा.
 
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में रेलवे से संबंधित प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजे गये हैं, जिन पर राज्यहित में कार्रवाई आवश्यक है. राज्य सरकार द्वारा गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है.
 
रामनगर-चौखुटिया रेल मार्ग के लिए गत बजट में स्वीकृति प्रदान की गई थी. गैरसैंण चौखुटिया के पास है. इसलिए रामनगर से गैरसैंण रेल संपर्क की आवश्यकता है. यह रेल मार्ग भी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. इसी प्रकार से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग में भूमि हस्तांतरण अंतिम चरण में है.
 
राष्ट्रीय सामरिक महत्व की इस रेल परियोजना को पूर्ण करने के लक्ष्य को त्वरित रूप से निर्धारित करने की आवश्यकता है. टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन के निर्माण के संदर्भ में राष्ट्रीय परियोजनान्तर्गत स्वीकृति प्रदान की है.
 
किच्छा-खटीमा रेल लाइन को त्वरित गति से बनाने की आवश्यकता है और भूमि अधिग्रहण के लिए उत्तराखंड राज्य द्वारा दिए गए अंशदान के बाद अवशेष राशि रेल मंत्रालय से प्राप्तकर इस परियोजना पर राष्ट्रीय योजना स्वरूप को त्वरित गति से काम करने की आवश्यकता है. देवबंद-रुड़की रेल मार्ग के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा त्वरित व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है. इसमें भूमि हस्तान्तरण लगभग पूर्ण हो चुका है. सहारनपुर-विकासनगर   देहरादून में नए रेल मार्ग का निर्माण किया जाना भी अत्यन्त आवश्यक है.
 
 वर्तमान में देहरादून जाने वाली सभी गाड़ियों को सहारनपुर होते हुए रुड़की लक्सर हरिद्वार होते हुए जाना पड़ता है. सहारनपुर-देहरादून मार्ग का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है.
 
 इस नए मार्ग का निर्माण हरबर्टपुर (विकासनगर) होते हुए देहरादून करने से यमुना घाटी एवं चकराता-त्यूनी के जनजातीय लोगों के साथ पर्यटकों को भी काफी सुविधा होगी और हरिद्वार मार्ग में भीड़ को नियंत्रित करने में सुविधा होगी. ऋषिकेश से डोईवाला के लिए नए रेल मार्ग निर्माण को वर्ष 2013-14 में बजट अनुमोदन किया गया था, जिसका सर्वे पूर्व में हो चुका है, जिस पर तत्काल कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. वर्ष 2013-14 के रेल बजट में हरिद्वार-कोटद्वार- रामनगर लिंक बनाए जाने की घोषणा की गई थी. यह मार्ग उत्तराखंड के लिए प्राणदायक है.
 
काशीपुर-नजीबाबाद वाया धामपुर रेल लाइन का सर्वे भी हो जा चुका है. इसके निर्माण से ही यह लिंक मार्ग पूर्ण हो जाएगा. रुड़की-पिरान कलियर, देहरादून-पुरोला टनकपुर- जौलजीबी-नई रेल लाइनों के सर्वे की घोषणा गत वर्षो के रेल बजट में की गई थी. 
 
इन रेल मार्गों के निर्माण पर तत्काल कार्रवाई जरूरी है. लालकुआं-मेलानी- टनकपुर-पीलीभीत-भोजीपुरा- बरेली सेक्शन के मीटर गेज को ब्रॉड गेज के लिए रेल मंत्रालय द्वारा विगत वर्षो में स्वीकृति प्रदान की गई है. देहरादून व काठगोदाम-रामनगर से दिल्ली के लिए एक सीधी द्रुतगामी नॉन-स्टॉप रेलगाड़ी का चलाया जाना आवश्यक है. रामनगर के लिए दिल्ली से सीधी ट्रेन चलाए जाने की वर्षो से लंबित मांग पर विचार किया जाना भी जरूरी है. दो वर्ष पूर्व उत्तराखंड पर्यटन विभाग, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय व रेल मंत्रालय ने संयुक्त रूप से दिल्ली में एक शो आयोजित किया था.
 
इसमें विभिन्न विशिष्ट परामर्शियों ने सुझाव दिया था कि देहरादून व काठगोदाम-रामनगर से मुम्बई के लिए एक-एक नई सीधी रेलगाड़ी को चलाया जाना इस क्षेत्र के पर्यटकों एवं यात्रियों की सुविधा के लिए अत्यन्त आवश्यक है. इसी प्रकार हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, देहरादून, रामनगर, काठगोदाम, टनकपुर रेल मागरे में एक पर्यटक सर्किट के प्रस्ताव पर विचार किया जाना आवश्यक है. रानीखेत एक्सप्रेस 5013ए/5014ए में रामनगर हेतु एक प्रथम एसी यान अथवा आधा 1ए व आधा 2ए यान लगाने की आवश्यकता है. देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, रामनगर, काठगोदाम व रुद्रपुर रेलवे स्टेशनों में आधुनिक साज-सज्जा किए जाने की आवश्यकता है.
 
तराई क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति का नानकमत्ता स्थित गुरुद्वारा व चंपावत जिले में स्थित रीठा-मीठा साहब व पूर्णागिरी देवी जैसे सुविख्यात तीर्थ स्थलों के लिए काठगोदाम-रामनगर से अमृतसर व जम्मू तवी के लिए एक दैनिक रेल चलाए जाने की मांग लंबित है. 



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