एएसपी से भिड़े विधायक,हुई गुत्थम-गुत्था
भाजपा मंडल अध्यक्ष व महामंत्री ने जबरन कालेजों को बंद कराया तो पुलिस दोनों को पकड़कर कोतवाली ले आई.
एएसपी से भिड़े विधायक (फाइल फोटो) |
सूचना मिलने पर गदरपुर के भाजपा विधायक अरविंद पांडे ने कोतवाली में पहुंचकर दोनों भाजपा नेताओं को छुड़ाने का प्रयास किया और पुलिस की सख्ती पर एएसपी देवेंद्र पिंचा के साथ गुत्थम-गुत्था हो गए. पुलिस ने भाजपाइयों को खदेड़ने के लिए लाठियां भांजी। भाजपाइयों ने कोतवाली के गेट पर हंगामा किया.
कड़ी मशक्कत के बाद एएसपी ने विधायक से वार्ता कर मामला शांत कराया. हालांकि पुलिस ने दोनों नेताओं मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
उल्लेखनीय है कि बाजपुर में सड़कों की बदहाली के विरोध में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह 23 जनवरी से अनशन पर बैठे हैं. उनके समर्थन में बुधवार को भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने नगर के विभिन्न स्कूल-कालेजों को बंद करवाया.
इस दौरान भाजपा मंडलाध्यक्ष विमल शर्मा व मंडल महामंत्री खीम सिंह दानू यहां जीजीआईसी पहुंचे और कालेज को बंद कराने के लिए प्रधानाचार्या से वार्ता की.
इसके बाद कालेज बंद करा दिया. इस बीच पुलिस को जबरन कालेज बंद कराने की सूचना मिली और कोतवाल जीजीआईसी पहुंचे और दोनों भाजपा नेताओं को पकड़कर कोतवाली ले आये. इसकी सूचना भाजपा विधायक पांडे को लगी तो वह कोतवाली पहुंच गए और दोनों नेताओं को छुड़कर ले जाने लगे.
इस दौरान एएसपी देवेंद्र पिंचा ने उन्हें रोका तो विधायक पांडे उनसे भिड़ गए. इस दौरान विधायक एएसपी से गुत्थम गुत्था हो गए. बाद में किसी तरह मामला शांत हुआ. पुलिस ने दोनों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है.
उधर विधायक अरविंद पांडे का कहना कि सांकेतिक रूप से चल रहे आंदोलन से भाजपा मंडलाध्यक्ष विमल शर्मा व मंडल महामंत्री खीम सिंह दानू को पुलिस जबरन उठाकर कोतवाली ले गई. उनका आरोप है कि कैबिनेट मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक के दबाव में सड़कों का निर्माण नहीं कराया जा रहा है. जिसके विरोध में भाजपा जिलाध्यक्ष अनशन पर बैठे हैं.
इस अनशन को तुड़वाने के लिए भाजपाइयों पर दबाव बनाने के लिए पुलिस दोनों को नेताओं को गिरफ्तार करके ले गई.
उन्होंने कहा कि भाजपा वर्चस्व की नहीं जनहित की लड़ाई लड़ रही है. उधर पूर्व सांसद व भाजपा प्रवक्ता बलराज पासी ने कहा कि बाजपुर की सड़कें व अन्य विकास को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं को कुर्बानी भी देनी पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे.
इस घटना के दौरान पुलिस प्रशासनिक अधिकारी उपाजिलाधिकारी भगत सिंह फोनिया, तहसीलदार सुदेश कुमार चौहान, सीओ काशीपुर पीसी आर्या, कोतवाल ओमप्रकाश शर्मा, एसएचओ धीरेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार राणा, हरेंद्र कुमार, कबिदं शर्मा, सलाउद्दीन, पान सिंह तोमक्याल, अजेंद्र प्रसाद व प्रमोद आदि मौजूद थे.
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