प्रताप हत्याकांड में आठ सुपारी किलर धरे गए

Last Updated 21 Dec 2014 01:04:04 PM IST

चर्चित प्रताप हत्याकांड में पुलिस ने आठ शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपित अब भी फरार है.


धरे गए आठ सुपारी किलर (फाइल फोटो)

2003 में हुई इस हत्या के साथ ही खनन व डाम के ठेकों को लेकर प्रताप की हत्या की गई. हत्यारोपितों में चार यूपी के हैं. पुलिस ने आरोपितों के पास से 50 हजार की नकदी समेत हत्या में प्रयुक्त हथियार व कारतूस बरामद किए हैं.

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं शक्तिफार्म निवासी प्रताप सिंह बिष्ट की 13 दिसम्बर को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शनिवार को पुलिस ने इससे पर्दा उठाते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

डीआईजी जीएस मतरेलिया ने बताया कि प्रताप बिष्ट की 13 दिसम्बर को हुई हत्या के बाद अपर पुलिस अधीक्षक टीडी बेला के साथ ही सीओ खटीमा, सीओ रुद्रपुर एसओजी टीम व उपनिरीक्षक व आरक्षियों की टीम बनाई गई. जांच में पता चला कि 2003 में योगेश उर्फ योगी चौहान की हत्या हुई थी. इसमें योगी के परिजनों का मानना था कि हत्याकांड को प्रताप ने अंजाम दिया था.

पुलिस की टीमों ने इसी आधार पर जांच की तो खुलासा हुआ कि योगी के छोटे भाई नब्बू चौहान, उसका भांजा मन्नू अधिकारी व योगी का दोस्त ड्राइवर वजाहद खान ने प्रताप की हत्या के लिए रणनीति बनाई थी. इसके लिए वजाहद खान ने शहजानपुर के राजा नामक व्यक्ति से संपर्क कर तीन शूटरों को हायर किया. काठगोदाम निवासी मंसूर अली, जो अपनी रिश्तेदारी में सीतापुर था के माध्यम से शूटरों को सीतापुर बुलाकर हत्या के लिए तय राशि को किस्तों में देने के लिए नियुक्त किया.

पुलिस टीमों ने यूपी क्षेत्र में लगातार छापेमारी की, लेकिन आरोपित हत्थे नहीं चढ़ पाए. शनिवार को पुलिस को सूचना मिली कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले कुछ आरोपित किच्छा क्षेत्र में एक ढाबे पर बैठे हैं. सूचना के बाद पुलिस ने घेराबंदी कर ढाबे में बैठे आठ आरोपितों को पकड़ लिया. इनमें शाहजहांपुर के थाना सदर निवासी शहजादे व मोहल्ला रोशनगंज निवासी शहजाद, थाना तिलहर निवासी साहिब, काठगोदाम के कोल्ड टैक्टस निवासी मंसूर अली, शांतिपुर नंबर एक के यतेंद्र चौहान, किच्छा के सूर्यनगर निवासी गोविंद सिंह ताकुली, काठगोदाम के कोल्ड टैक्टस निवासी मनोज सिंह अधिकारी, किच्छा के वार्ड नम्बर आठ निवासी वजाहद खान शामिल हैं, जबकि वजाहद खान से शूटरों की सुपारी लेने वाले राजा को पुलिस नहीं पकड़ पाई है.

डीआईजी के मुताबिक पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने चार लाख रुपये में हत्याकांड की सुपारी ली थी. नवम्बर से उन्होंने प्रताप को मौत के घाट उतारने की तैयारी शुरू कर दी, जिसके लिए लगातार राजा व साहिब द्वारा रेकी की जा रही थी. शूटर सुपारी देने वालों के घर पर भी रुके थे. शूटरों को अभी तक 40 हजार रुपये ही मिले हैं.

शनिवार को एक लाख की डिलीवरी देने के लिए वजाहद खान, नब्बू चौहान व मन्नु अधिकारी ने ढाबे पर बुलाया था, मगर वह 50 हजार ही दे रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने घेराबंदी कर दी. पुलिस ने यह पचास हजार आरोपितों के पास से बरामद करने के साथ चार तमंचे, कारतूस व मोबाइल भी कब्जे में ले लिये हैं.



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