उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार से लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं : खंडूरी

Last Updated 21 Nov 2014 06:51:03 PM IST

वरिष्ठ भाजपा सांसद भुवन चंद्र खंडूरी ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड सरकार में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये इच्छाशक्ति नहीं है.


कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार से लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं (फाइल फोटो)
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री खंडूरी की सरकार के कार्यकाल में ही वर्ष 2011 में राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से  पहला लोकायुक्त अधिनियम पारित किया था.
 
खंडूरी ने कहा, ‘राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किये गये लोकायुक्त अधिनियम को खारिज करने और  उसकी जगह नया लोकायुक्त विधेयक लाने का कोई मतलब नहीं है. मेरे कार्यकाल में पारित हुए लोकायुक्त विधेयक के  ड्राफ्ट पर सदन में दिन भर चर्चा हुई थी. कांग्रेस विधायकों द्वारा सुझाये गये बदलावों को अंतिम ड्राफ्ट में लिया भी   गया था जिसे विपक्षी कांग्रेसी सदस्यों के समर्थन से राज्य विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था.’
 
उन्होंने बताया, ‘करीब दो साल के विधिक परामर्श के बाद राष्ट्रपति ने उसे अपनी मंजूरी दी थी. फिर भी विजय बहुगुणा   सरकार को इसे खारिज कर नया विधेयक लाने की जरूरत महसूस हुई.’
 
खंडूरी ने कहा कि वह विधेयक समाजसेवी अन्ना हजारे के लोकपाल पर आधारित था जिसमें मुख्यमंत्री और उच्च   न्यायपालिका को भी भ्रष्टाचार विरोधी कानून के दायरे में रखा गया था.
 
राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किये गये लोकायुक्त विधेयक पर काफी कमजोर होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि   इससे राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रति इच्छाशक्ति का अभाव झलकता है.
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य सरकार लोकायुक्त का गठन करने से डर रही है क्योंकि उसे पनप रहे भ्रष्टाचार के स्तर   का पता है. विधेयक में अनावश्यक संशोधन करना लोकायुक्त जैसी संस्था को शक्तिविहीन और अप्रभावी बनाने की योजना का एक हिस्सा है.
 
हालांकि, उन्होंने कहा कि समाज से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने की चाहत रखने वाले लोगों को ऐसे प्रयासों से डरने की   बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इससे हर स्तर पर लड़ने के लिये तैयार है. 
 
शीतकालीन यात्रा के लिये रावत की आलोचना
 
खंडूरी ने चारधाम के शीतकालीन प्रवासों में यात्रा शुरू करने के लिये मुख्यमंत्री हरीश रावत की आलोचना करते हुए कहा   कि वह केवल प्रचार पाने के लिये ऐसी घोषणायें कर रहे हैं, जो व्यवहारिक ही नहीं है.
 
खंडूरी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री गर्मियों के दौरान ही चारधाम यात्रा सही ढ़ंग से नहीं चला पाये और अब सर्दियों में यात्रा   चलाने के बारे में बात कर रहे हैं.’
 
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़कों की दशा अब भी बहुत खराब है. केदारनाथ जाने के लिये रास्ते में पड़ने   वाले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच कोई सड़क ही नहीं है.
 
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री खंडूरी ने पूछा, ‘सर्दियो के दौरान श्रद्धालु वहां कैसे पहुंचेंगे. इसके अलावा, बदरीनाथ मंदिर के   तीर्थ पुरोहित कहते हैं कि शीतकालीन प्रवास में यात्रा करना सदियों पुरानी धार्मिक मान्यतों के अनुरूप ही नहीं हैं.’ 
     
उन्होंने कहा, ‘जब पिछले महीने केदारनाथ में मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी तो मुख्यमंत्री को अपनी पूरी कैबिनेट के साथ   हेलीकाप्टर से वहां पहुंचना पड़ा क्योंकि वहां सड़कें ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि ऐसे में सर्दियों में कैसे यात्रा चलेगी.’
 



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