उत्तराखंड की छह चीनी मिलों पर गहराने लगा संकट

Last Updated 19 Nov 2014 02:41:33 PM IST

उत्तराखंड की छह सहकारी चीनी मिलों पर बंदी का संकट मंडराने लगा है.


छह चीनी मिलों पर गहराने लगा संकट (फाइल फोटो)

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इन चीनी मिलों को अत्याधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की श्रेणी में चिनिह्त करते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके चलते पेराई सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. यदि इन मिल प्रबंधकों की ओर से प्रदूषण  नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए तो इस वर्ष चीनी मिलों में उत्पादन मुश्किल हो जाएगा.

इसके अतिरिक्त बोर्ड की ओर से प्रदूषण फैलाने वाली काशीपुर में पांच पेपर मिलों को बंद करा दिया गया है. प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रणवीर सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि विगत दिनों हुई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की समीक्षा की गई, जिसमें करीब 73 कारखानों को प्रदूषण फैलाने वाली श्रेणी में चिह्नित किया गया था.

इनमें पेपर, सुगर, डिस्टलरी, स्टील, पेस्टीसाइड आदि का उत्पादन करने वाले उद्योग शामिल हैं. उन्होंने बताया कि छह सहकारी क्षेत्रों की चीनी मिलों को नोटिस देने के बावजूद मिल प्रबंधन ने ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

उन्होंने कहा कि सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. यदि विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई तो इस वर्ष चीनी मिलों में पेराई सत्र नहीं हो सकेगा. बोर्ड को मजबूरन इन सभी चीनी मिलों को बंद कराना पड़ेगा. इसके चलते सहकारी क्षेत्र की नादेही, गदरपुर, सितारगंज, किच्छा व बाजपुर चीनी मिलों पर संकट के बादल छा गए हैं.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव विनोद सिंघल ने बताया कि उक्त चीनी मिलों में अपशिष्ट जल प्रबंध प्लांट तो लगे हैं, मगर उन्हें चलाया नहीं जा रहा है। सदस्य सचिव ने बताया कि वर्ष 2012 में पल्स एवं पेपर मिलों के लिए केंद्र की ओर से चार्टर जारी गिया था. चार्टर में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार ही पल्स एवं पेपर मिलों को कार्रवाई करनी थी, मगर कई मिलों ने चार्टर का पालन नहीं किया.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से की जा रही मॉनिटरिंग में प्रदूषण फैलने की पुष्टि होने पर काशीपुर स्थित पांच इकाइयां बंद करा दी गई हैं. इनमें श्याम पल्प एंड पेपर मिल की दो इकाई को बंद कराया गया.

काशीपुर की मल्टी वाल पेपर इंडस्ट्रीज, पीएसबी इंडस्ट्रीज व अंबा देवी पेपर इंडस्ट्रीज को भी अत्यधिक प्रदूषण फैलाने के मामले में बंद कराया गया. हाल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला है. पूर्व में बोर्ड की ओर से मिलों को प्रदूषण फैलाए जाने के संबंध में नोटिस जारी हुए थे.

इसको देखते हुए वर्तमान में पेराई सत्र शुरू करने से पहले मिली प्रबंधक को निर्देश दे दिए गए हैं कि प्रदूषण नियंतण्रके लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए. बाजपुर चीनी मिल में मैट स्क्रबर लगा लिया गया है. जबकि डोईवाली चीनी मिल में पहले से ही काम कर रहा है। शेष चीनी मिलों में भी उपकरण लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त जल प्रदूषण पर भी रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए है.



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