धामपुर लॉ कालेज के प्रोफेसर को लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा

Last Updated 21 Oct 2014 05:36:01 PM IST

बिजनौर के धामपुर में लूट के इरादे से आए बदमाशों ने धामपुर लॉ कालेज के प्रोफेसर को लाठी-डंडों से पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया.


धामपुर लॉ कालेज के प्रोफेसर की हत्या (फाइल फोटो)

बीच बचाव करने आई प्रोफेसर की पत्नी को भी बदमाशों ने घायल कर दिया. बाद में बदमाशों का मुकाबला करने आए चौकीदार को भी लाठी-डंडों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. मोहल्लेवासियों ने प्रोफेसर की पत्नी को प्राथमिक उपचार के बाद मुरादाबाद तथा चौकीदार को निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी, एसपी, एएसपी, सीओ ने भी मौके पर पहुंचकर जानकारी ली. घटना के खुलासे को तीन टीमों का गठन किया गया है.

घटना से कालोनी में दहशत का माहौल है. आकू के मूल निवासी मनोज कुमार पुत्र शिवपाल सिंह ने बिजनौर में अपना मकान बना रखा था और धामपुर स्थित धामपुर लॉ कालेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे.

मनोज कुमार अपनी पत्नी ऐश्वर्य उर्फ डौली व ढाई वर्ष के पुत्र यश के साथ स्थानीय टीचर्स कालोनी निवासी सेवानिवृत्त आरएम कृष्ण कुमार चौहान के यहां किराए पर रहते थे.

सोमवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे छह-सात लाठी-डंडों से लैस बदमाश मकान की दीवार फांदकर अंदर आ गए और दरवाजे पर लगी जाली काटकर घर में घुस गए. बदमाशों ने घर में घुसते ही प्रोफेसर मनोज कुमार पर डंडों से प्रहार शुरू कर दिया.

इस दौरान मनोज के शोर मचाने पर उनकी पत्नी डौली की भी आंख खुल गई. सिर पर डंडा लगने से मनोज की मौके पर ही मौत हो गई. डौली के शोर मचाने पर बदमाशों ने उस पर भी हमला बोल दिया.

उधर बदमाशों के तांडव से मनोज कुमार का ढाई वर्ष का पुत्र यश रोने लगा. काफी देर तक भी जब यश शांत नहीं हुआ तो पास ही स्थित दूसरे कमरे में सो रहे मकान स्वामी कृष्ण कुमार चौहान व उनकी पत्नी कुसुम देवी की आंख खुल गई, जिस पर मकान स्वामी ने शोर मचा दिया.

इस पर घर के बाहर से गुजर रहा चौकीदार हरक सिंह बहादुर हिम्मत करते हुए घर में आ गया. इसी दौरान बदमाशों ने चौकीदार पर भी हमला बोल कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. डौली व चौकीदार को निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया, जहां डौली की हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे मुरादाबाद रेफर कर दिया.

सूचना पर पहुंची पुलिस ने मनोज के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया. इस संबंध में डीआईजी मुरादाबाद गुलाब सिंह का मानना है कि जिस तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, उससे लूट के इरादे में विफल होने पर ही हत्या करना प्रतीत होता है.



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