उत्तराखंड : भांग के नशे में झूम रहे 70 फीसद मासूम

Last Updated 21 Oct 2014 03:06:17 PM IST

यह एक भयावह सच है. उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य बन गया है, जहां बच्चों की सबसे ज्यादा आबादी भांग के नशे की गिरफ्त में है.


नशे में झूम रहे 70 फीसद मासूम (फाइल फोटो)

देश भर में उत्तराखंड में सबसे ज्यादा यानी 70 फीसद बच्चे भांग का यानी चरस, गांजे का नशा कर रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि प्रदेश के 90 फीसद बच्चे तंबाकू की लत के शिकार हैं और 73.3 फीसद शराब के नशे के आदी हैं.

6.7 फीसद बच्चे नाक के जरिए किए जाने वाला नशा कर रहे हैं तो 3.3 फीसद हेरोइन और 3.3 फीसद अन्य नशीली दवाएं ले रहे हैं.

यह बात सामने आई है राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)की ओर से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेशनल ड्रग्स डिपेंडेंट ट्रीटमेंट सेंटर के सर्वेक्षण ‘असेसमेंट पैटर्न, प्रोफाइल एंड कोरिलेट ऑफ सब्सटेंस यूज अमंग चिल्ड्रन इन इंडिया’ में.

देश के 27 राज्यों और दो संघ शासित प्रदेशों के 135 शहरो में पांच से 18 साल के बच्चों के बीच किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक देशभर में बच्चों में नशाखोरी की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है. एनसीपीसीआर के लिए उत्तराखंड में यह सर्वेक्षण ‘ कुमाऊं एग्रीकल्चर एंड ग्रीनरी एडवांसमेंट सोसाइटी’ ने किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक देश में शराब, तंबाकू, भांग, अफीम, हेरोइन व नाक के जरिए लिए जाने वाले नशा, नशे के इंजेक्शन लेने वाले बच्चों की संख्या निरंतर बढ़ रही है.सर्वेक्षण  के मुताबिक देश में 28.6 फीसद बच्चे तंबाकू, 15 प्रतिशत शराब के आदी हैं, जबकि 5.5 फीसद लड़कियों को तंबाकू और चार फीसद को शराब की लत लग चुकी है.

भांग के मामले में उत्तराखंड सबसे आगे है. यहां 70 फीसद बच्चे भांग के नशे के आदी पाए गए हैं. इसके बाद हरियाणा में 63.3, मेघालय में 50 और गोवा और त्रिपुरा में सबसे क म यानी 1.7 फीसद बच्चे ही भांग के नशे के शिकार पाए गए हैं. देश भर में कर्नाटक में सबसे ज्यादा बच्चे 88.9 फीसद बच्चे शराब नशे की गिरफ्त में हैं.

इसके बाद आंध्र प्रदेश के 84.7, हरियाणा 80, सिक्किम 79.3 और उत्तराखंड 73.3 फीसद बच्चे शराब की लत के शिकार हैं. शराब के नशे की लत के मामले में उत्तराखंड पांचवें नंबर पर है. दिल्ली में केवल 23 फीसद बच्चे शराब पीते हैं. तंबाकू की बात करें तो इसमें मेघालय सबसे ऊपर है. वहां 96.4 फीसद, नगालैंड में 95.8 फीसद, सिक्किम में 93.1 और उत्तराखंड में 90 फीसद बच्चे तंबाकू की लत के शिकार हैं. इस मामले में भी उत्तराखंड पांचवें नंबर पर है. गोवा में 36.7 फीसद बच्चे तंबाकू के आदी हैं.

नाक से सूंघ कर लिए जाने वाले नशीले पदार्थो के सेवन में त्रिपुरा सबसे आगे है, जहां 68.3 फीसद बच्चे ऐसा नशा करते हैं जबकि मध्य प्रदेश में 66.5, महाराष्ट्र में 60.6, सिक्किम में 49, हरियाणा में 46.7, उड़ीसा में 40, दिल्ली और राजस्थान में 39, मणिपुर में 32.3 और मेघालय में यह संख्या 30.9 फीसद रही. गोवा में केवल पांच फीसद बच्चे ही ऐसे पाए गए हैं.

हेरोइन के नशे की बात करें तो इस मामले मेघालय सबसे आगे है. जहां 27.3 फीसद इसके बाद पंजाब में 19.3 फीसद बच्चे हेरोइन का नशा करते हैं.

इंजेक्शन के जरिए नशा करने वाले बच्चे मिजोरम में सबसे ज्यादा यानी 88.6 फीसद हैं जबकि 25 फीसद के साथ मेघालय और राजस्थान दूसरे नंबर पर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन बच्चों को नशे की लत छोड़ने में भी समस्या हो रही है.

राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष अजय सेतिया का कहना है कि बच्चों में नशाखोरी की प्रवृत्ति बहुत खतरनाक संकेत है, यह बच्चों को अपराध की ओर भी ले जाती है. प्रदेश सरकार को इस पर लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.

अरविंद शेखर
एसएनबी


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