ऋषिकेश में पुराने भवन को तोड़ते समय मिली चार किलो चांदी

Last Updated 20 Oct 2014 03:43:36 PM IST

तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक जर्जर हो चुके मकान को तोड़ना फायदेमंद साबित हुआ.


चांदी के सिक्के (फाइल फोटो)

ऋषिकेश के रेलवे रोड पर लगभग छह शक पुराने जर्जर हो चुके भवन की दीवार तोड़ते समय भूखंड के स्वामी को लगभग चार किलो से अधिक का चांदी के जेवरों से भरा बक्सा मिला, जिसे उसने पहले पुलिस और स्थानीय प्रशासन से छिपाये रखा. लेकिन प्रशासन की सख्ती पर उसने जेवर पुलिस के सुपुर्द कर दिया.

रेलवे रोड स्थित अंबेडकर चौक के समीप लगभग छह शक पुराने एक भूखंड को गारमेंट व्यापारियों ने साझे में खरीदा था, जिसमें बने पुराने भवन की दीवारों को

तोड़कर समतल किया जा रहा था. इस दौरान मजदूरों को एक पुराना लोहे का बक्सा दीवार में चिना हुआ मिला, जिस पर भूखंड स्वामियों ने इस मामले को दबा

दिया. उन्होंने मजूरों को मौके से हटा कर मौके से बक्से को भी हटा दिया.
मामला एक मजूर द्वारा बाहर किसी को बताये जाने पर प्रशासन के कानों तक पहुंचा. मौके पर जांच के लिए उपजिलाधिकारी के पहुंचने पर भी भूखंड स्वामी ने

मामले को छिपाये रखा लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने पर कड़ाई बरते जाने पर देर रात भूखंड स्वामियों ने चांदी के गहनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया. भूखंड

स्वामी के स्टोर से  टूटे बक्से को भी बरामद कर लिया.
बताया जा रहा है कि उक्त भूखंड पर बने भवन का मालिक नगर का एक मशहूर धनाढ्य स्वर्णकार रामचंद्र था जो नगर कोंडा चौक पर सुनार का काम करता था.

उसने रेलवे रोड पर मकान बनवाया था, जिसमे संभवत: उक्त जेवरों से भरे बक्से को चिनवा दिया था. रामचंद्र और उसकी पत्नी की मौत के बाद उनके बच्चों ने
उक्त भूखंड और भवन को कई वर्ष पूर्व बेच दिया था. लेकिन उन्हें भवन की दीवार में जेवर के बक्से को चिनवाये जाने की जानकारी नहीं थी.
भूखंड स्वामी रमेश कुमार ने बताया की वह सुबह मजूरों से दीवार को तोड़कर समतलीकरण का कार्य करा रहे थे इस दौरान उन्हें वह बक्सा मिला था, जिसे उन्होंने

पुलिस के सुपुर्द कर दिया. वहीं ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह रावत ने बताया कि उक्त जेवरों में ब्रिटिश राजा जार्ज षष्ठम के चिह्न और नाम

अंकित चांदी के सिक्के, हाथ, पांव, गले, कमरबंद, मुकुट, पायजेब, मूर्तियों को पहनाये जाने वाले कड़े आदि हैं. देखने में सभी जेवर राजस्थान और गढ़वाल परिवेश

के समान है. वहीं उपजिलाधिकारी संतोष कुमार पांडे ने बताया कि उक्त जेवरातों की जांच पुरातत्व विभाग से करायी जायेगी.



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