उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को मुफ्त बिजली

Last Updated 17 Oct 2014 07:21:49 PM IST

पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए विशेष एकीकृत प्रोत्साहन नीति में संशोधन किया जा रहा है.


छोटे उद्योगों को मुफ्त बिजली (फाइल फोटो)

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना पर मुफ्त बिजली दी जाएगी. इसके अतिरिक्त छूट के दायरे को और बढ़ाया जा रहा है. यही नहीं इन उद्योगों की स्थापना के लिए प्रदेश में करीब 100 स्थानों को चिह्नित कर लैंड बैंक भी तैयार किया गया है.

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे उद्योगों की स्थापना के लिए विशेष एकीकृत प्रोत्साहन नीति बनाई थी. जिसके तहत सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित करने पर कई तरह की रियायतें दी गई.

सरकार की इस नई पहल का उद्यमियों पर कोई असर नहीं दिखायी दिया. यही वजह रही कि नीति के लागू होने के करीब एक वर्ष बाद भी पर्वतीय क्षेत्रों में एक भी उद्योग स्थापित नहीं हो सका. उद्यमियों को पहाड़ चढ़ाने के लिए सरकार अब नीति में कई संशोधन कर छूट के दायरे को बढ़ा रही है.

इस संबंध में बृहस्पतिवार को सचिवालय में मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में नीति के नए प्रारूप पर विचार विमर्श हुआ. नई नीति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापना के लिए पर्वतीय जनपदों को ‘ए’ व ‘बी’ दो श्रेणियों में बांटा गया है.

सीमांत जनपदों को ‘ए’ श्रेणी में और अन्य जनपदों को ‘बी’ श्रेणी में रखा गया है. देहरादून और नैनीताल जिलों के 650 मीटर से अधिक उंचाई वाले क्षेत्रों को भी ‘बी’ श्रेणी में शामिल किया गया है. नई नीति में अब ‘ए’ श्रेणी में पूंजी निवेश उपादान (सब्सिडी) की सीमा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत तक दी जाएगी. वहीं ‘बी’ श्रेणी में 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की जाएगी.

इसी तरह से ब्याज उपादान ‘ए’ श्रेणी में 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत और ‘बी’ में 5 प्रतिशत से 6 प्रतिशत किये जाने का प्रस्ताव है. यही नहीं 100 केवीए तक विद्युत बिलों की प्रतिपूर्ति शत प्रतिशत की जाएगी.

प्रस्तावित नीति में अब स्थानीय कच्चे माल के ढुलान पर भी छूट दिए जाने की व्यवस्था की गई है. जो कि ‘ए’ श्रेणी में 7 प्रतिशत और ‘बी’ में 5 प्रतिशत तक रहेगी. हस्तशिल्प, हथकरघा और खादी के क्रय में वरीयता दी जाएगी. मुख्य सचिव ने बताया कि सूक्ष्म,लघु व मध्यम उद्योगों के लिए लैंड बैंक की भी व्यवस्था की गई है.

पर्वतीय क्षेत्रों में 70 और मैदानी क्षेत्रों में 30 स्थानों का चयन उद्योग लगाने के लिये किया गया है. राज्य सरकार 500 उद्यमियों का चयन कर उद्यमिता कौशल विकसित करेगी. बैठक में अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव उद्योग एमएच खान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.



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