उत्तराखंड में सौ से अधिक औद्योगिक क्षेत्र बनेंगे
लघु और मध्यम उद्योग नीति के तहत उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में सौ से अधिक औद्योगिक स्थलों का विकास होगा.
सौ से अधिक बनेंगे औद्योगिक क्षेत्र (फाइल फोटो) |
इनमें 70 फीसद औद्योगिक क्षेत्र पर्वतीय जिलों में होंगे. राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों की तरह मैदानी क्षेत्रों के लिए भी विशेष औद्योगिक पैकेज लागू करेगी.
प्रदेश के श्रम, सेवायोजन और लघु उद्योग मंत्री हरीश चंद्र दुर्गा पाल ने मंगलवार को विधानसभा स्थित सभागार में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए नई नीति पर आयोजित बैठक में कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे उद्योग लगाए जाएं, ताकि पहाड़ से पलायन रोका जा सके.
अधिकारी बेरोजगार नवयुयकों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित सूक्ष्म औद्योगिक विकास की योजनाओं की जानकारी दें और बैकों से ऋण दिलाने में उनकी मदद करें.
उन्होंने कहा कि उद्योगों की बेहतरी के लिए वातावरण तैयार करने के लिए अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करते हुए प्रदेश में 100 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा.
लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र किसी भी राज्य और सम्पूर्ण देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पूर्व में राज्य में 14,163 लघु इकाइयां कार्यरत थीं, जिनमें 700 करोड़ का पूंजी निवेश और 38,500 लोगों को रोजगार मिला था. किन्हीं कारणों से राज्य बनने से पहले इसमें ठहराव आ गया.
केंद्र सरकार से विशेष औद्योगिक पैकेज स्वीकृत होने के बाद राज्य में औद्योगिक विकास में तेजी आई. पर्वतीय क्षेत्र के लिए अलग पर्वतीय नीति विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति लागू की गई है. इसके तहत क्षेत्रों को ए, बी व सी श्रेणी में चिनह्ति किया जाए, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में भी उद्यमों को प्रोत्साहन मिले.
नैथानी ने कहा कि उद्यम करने के इच्छुक नवयुवकों का कौशल विकास किया जाए. नैथानी ने विलुप्त हो रही वाद्य यंत्रों की संस्कृति को नए सिरे से संजोकर रखने की जरूरत बताई। प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एमएच खान ने सुझाव दिया कि डीएम को हर साल पांच फीसद तक सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ाने की जिम्मदारी सौंपी जाए. ऐसे क्षेत्र चिनह्ति किए जाएं, जहां अदरक,आलू व मटर आदि की पैदावार अधिक मात्रा में होती है.
प्रमुख सचिव ने कहा कि अगले छह महीने के भीतर सूक्ष्म व मध्यम उद्योगों को ऑनलाइन किया जाएगा.
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