उत्तराखंड में संस्कृत के मूलग्रंथों पर तीन दिन का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

Last Updated 27 Sep 2014 10:43:29 PM IST

संस्कृत के प्राचीन मूलग्रंथों और साहित्य में मौजूद ज्ञान विशांति की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.


अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन (फाइल फोटो)

देश-विदेश से आए संस्कृत के विद्वानों ने शनिवार को देहरादून में यह बात कही.

देहरादून में राजभवन में चल रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन के दूसरे दिन वक्ताओं ने अपने विचार रखे.

गढ़वाल विश्वविद्यालय के आर. सी. शर्मा ने कहा कि सामरिक मुद्दों, जल बंटवारा विवाद, संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था और राष्ट्रों के बीच राजनीतिक संबंधों जैसे सभी बड़े मसलों का हल आज संस्कृत में खोजा जा सकता है.

संस्कृत के प्राचीन मूलग्रंथों के अनुवाद कार्य को चुनौतिपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि अनुवादकों को अतिसतर्कता बरतनी चाहिए ताकि इस प्रक्रिया के दौरान मूल ग्रंथ का अर्थ और भावनाएं ना खोएं.

राज्यपाल अजीज कुरैशी के प्रयास से आयोजित यह सम्मेलन राज्य में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है. यह सम्मेलन रविवार को समाप्त हो रहा है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment