कैलाश मानसरोवर का नया रूट आध्यात्मिक भावना पर चोट : हरीश रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार के कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग को बदलने के निर्णय को उत्तराखण्ड के हितों को चोट पहुंचाने वाला बताया है.
Harish Rawat (file photo) |
देहरादून में उन्होंने इस निर्णय से न केवल हमारी भावनाओं को ठेस पहुंची है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक भावना को भी चोट पहुंची है.
मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया है कि कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग को बदलने के लिए चीन के साथ केंद्र सरकार द्वारा किए गए समझौते पर मुख्यमंत्री ने कड़ी आपत्ति की है.
मुख्यमंत्री ने इस निर्णय को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यदि व्यापार आदि के लिए अन्य मार्ग को खोला जा सकता है, किन्तु यात्रा के लिए यही मार्ग उचित है. हमारे धर्माचार्य इसी मार्ग को अपनाते रहे हैं.
भगवान शिव इसी मार्ग से हिमालय में मां पार्वती (नन्दा) से मिले थे. वे स्थान यही मौजूद है, जिन्हें शिव ने स्पर्श किया था. जो पुण्य कैलास मानसरोवर यात्रा के इस मार्ग से मिलता है, वह अन्य से नहीं। महान विचारक राहुल संकृत्यायन ने भी उत्तराखण्ड से कैलास मानसरोवर यात्रा का उल्लेख किया है. स्वामी परमानंद इसी मार्ग से कैलास मानसरोवर यात्रा पर गये थे.
मुख्यमंत्री ने विास व्यक्त किया है कि केन्द्र सरकार इस निर्णय को बदलेगी तथा कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग उत्तराखण्ड से ही रहेगा.
उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ के तवाघाट-गुंजी तक मोटर मार्ग स्वीकृत है. इस पर बीआरओ ने कार्य नहीं किया। इस मार्ग को ठीक करने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है. छोटा कैलास व ऊं पर्वत के लिए भी राज्य सरकार प्रयास कर रही है.
उन्होंने यह भी विास व्यक्त किया कि केन्द्र सरकार इस मार्ग के सुधार के लिये धनराशि स्वीकृत करने के साथ ही बीआरओ को मार्ग निर्माण के लिये आवश्यक निर्देश देगी. कैलास
मानसरोवर के पैदल ट्रैक रूट को विकसित करने के लिये राज्य सरकार भी प्रयास कर रही है.
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