यूपी निर्माण निगम को अब नहीं मिलेंगे ठेके
उत्तराखंड के निर्माण एजेंसियों के लिए खुशखबरी. अब यूपी निर्माण निगम समेत प्रदेश से बाहर की एजेंसियों को निर्माण कार्य के ठेके नहीं मिलेंगे.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो) |
प्रदेश सरकार ने बाहर की निर्माण एजेंसियों से काम कराने पर रोक लगा दी है. यदि जरूरी हुआ तो मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही बाहरी निर्माण एजेंसी से कार्य करवाया जा सकेगा. इस फैसले के बाद काम की तलाश मे भटक रही प्रदेश की निर्माण एजेंसियों को अब काम मिल सकेगा. यह पहली बार नहीं है कि सरकार ने इस तरह के आदेश जारी किए. इससे पूर्व भी कई बार आदेश जारी करने के बाद पूर्ववृत्ति सरकारों को यू-टर्न लेना पड़ा था.
मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने निर्देश जारी कर यूपी निर्माण निगम के प्रदेश में काम करने पर रोक लगा दी है. मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विभागीय मंत्री अब अपने स्तर से केवल प्रदेश की निर्माण एजेंसियों से ही कार्य करवाने के निर्देश जारी कर सकते हैं. यदि ऐसी परिस्थिति पैदा होती है कि यूपी निर्माण निगम से ही कार्य करवाया जाना अनिवार्य है तो इसके लिए मुख्यमंत्री का अनुमोदन लिया जाना होगा. गौरतलब है कि वर्तमान में उत्तराखंड में प्रदेश की अपनी आधा दर्जन निर्माण एजेंसी हैं.
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश निर्माण निगम सहित केंद्र की कुछ अन्य निर्माण एजेंसियां भी प्रदेश में इनपैनल हैं. इनमें निर्माण संबंधित सर्वाधिक कार्य उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा ही कराए जा रहे हैं, हालांकि राज्य गठन के बाद पूर्व भाजपा सरकार में उत्तराखंड राज्य अवस्थापना विकास निगम का गठन कर सभी कार्य इस निगम से कराए जाने के निर्णय लिए गए थे.
उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के प्रदेश में कार्य करने पर बैन लगा दिया गया था. लेकिन यह बैन ज्यादा दिन तक नहीं चल सका. उत्तराखंड राज्य अवस्थापना विकास निगम अपने उदेश्यों में खरा नहीं उतर सका. इसके चलते प्रदेश सरकार को अपने निर्णय को बदलते हुए एक बार फिर से यूपी निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था के रूप में अपनाना पड़ा. इस तरह के प्रयोग कई बार किए गये लेकिन बार-बार सरकार को यू-टर्न लेना पड़ा.
वर्तमान में भी अधिकांश विभागों के निर्माण संबंधित कार्य यूपी निर्माण निगम के पास ही हैं. यूपी निर्माण निगम की कार्य करने की क्षमता प्रदेश की अन्य निर्माण इकाइयों की तुलना में अधिक तीव्र होने के साथ ही निगम के अधिकारियों की प्रदेश के अधिकारियों से साथ सैटिंग अच्छी बताई जाती है. यही वजह है कि यूपी निर्माण निगम प्रदेश की निर्माण इकाइयों की तुलना में उत्तराखंड में अधिक काम लेने में सफल हो रहा है. लेकिन अब यूपी निर्माण निगम के लिए उत्तराखंड में काम करना एक बार फिर से प्रतिबंधित हो जाएगा.
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