किसाऊ बहुउद्देश्यीय प्रोजेक्ट को हरी झंडी

Last Updated 14 Sep 2014 06:30:56 AM IST

उत्तराखंड समेत कई राज्यों में बिजली, सिंचाई व पेयजल मुहैया कराने के लिए प्रस्तावित किसाऊ बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना के निर्माण को केन्द्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है.


किसाऊ बहुउद्देश्यीय प्रोजेक्ट परियोजना (फाइल फोटो)

इसके साथ ही लगभग 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना की लागत का 90 प्रतिशत खर्च केन्द्र सरकार खुद वहन करेगी.

खास बात यह है कि परियोजना के निचले हिस्से में स्थित जलविद्युत परियोजनाओं पर हिमाचल द्वारा 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग को भी केन्द्र सरकार ने ठुकरा दिया है. एक महीने के अंदर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के संयुक्त उपक्रम (ज्वाइंट वेंचर) बनाने का निर्णय लिया गया है.

यह फैसला शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्र के साथ उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुभाष कुमार और हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव पी. मित्रा के साथ हुई बैठक में लिया गया.

बैठक में चर्चा के दौरान मुख्य सचिव ने दलील दी कि 660 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाली इस परियोजना से दिल्ली, यूपी,  हरियाण, राजस्थान और हिमाचल को भी पेयजल और सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इसलिए इसे राष्ट्रीय परियोजना मानते हुए इस पर आने वाले खर्च का 90 प्रतिशत व्यय केन्द्र सरकार वहन करे. जिसे प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने स्वीकार कर लिया.

लिहाजा अब उक्त परियोजना के निर्माण पर हिमाचल और उत्तराखंड को मात्र 10 प्रतिशत ही व्यय करना पड़ेगा. मुख्य सचिव ने कहा कि अभी उत्तराखंड सरकार किसाऊ  के निचले हिस्से (डाउन स्ट्रीम) की जलविद्युत परियोजनाओं छिबरों, खोदरी, कुल्हाल आदि में 25 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश को देता है.

हिमालय प्रदेश इस आधार पर 50 प्रतिशत की मांग कर रहा था कि किसाऊ  बांध बनने के बाद इन परियोजनाओं में 472 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन बढ़ जायेगा. हिमाचल प्रदेश की इस मांग को केन्द्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया. बैठक में निर्णय लिया गया कि एक महीने के अंदर दोनों राज्य संयुक्त उपक्रम बना लें.



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