उत्तराखंड में सीएम ने कसा नौकरशाहों पर शिकंजा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अब नौकरशाहों और वरिष्ठ अफसरों पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो) |
इसके तहत अफसरों को तबादला होने के 24 घंटे में नई तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग देनी होगी. ऐसा न करने वाले नौकरशाहों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा यदि वरिष्ठ अफसर ने अपने मातहत को तबादला आदेश मिलने के बाद तत्काल कार्यमुक्त न किया तो उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री के सख्त फैसलों पर बृहस्पतिवार से शासन ने अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में सबसे पहले उन उपजिलाधिकारियों पर गाज गिरी, जिनके पूर्व में तबादले किये गये थे और उन्होंने आदेश का पालन करने के बजाए उन्हें रुकवाने के लिए उच्च स्तर से दबाव बनाया था. इन सभी उपजिलाधिकारियों के खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई कर दी गई है. इसी प्रकार लोकनिर्माण विभाग में भी तबादला आदेश का पालन न करने वाले दर्जनों अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई अमल में लायी गई.
शुक्रवार को प्रमुख सचिव कार्मिक एसएस संधू ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए प्रावधानों को और सख्त बनाया गया है. अब प्रशासनिक अधिकारियों को अपने तबादले आदेश के 24 घंटे में नई तैनाती स्थल में अपनी ज्वाइनिंग देनी होगी. तबादला आदेश जारी होने से लेकर ज्वाइनिंग तक का समय उनकी सर्विस बुक में दर्ज किया जाएगा.
जिसका संज्ञान पदोन्नति के अवसर पर लिया जाएगा. नई तैनाती स्थल पर जाने में यदि 24 घंटे से अधिक समय लग रहा है तो उक्त अधिकारी को कार्मिक विभाग को इसी जानकारी देनी अनिवार्य होगी. जिले स्तर पर उपजिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्यविकास अधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ स्तर के अधिकारियों के तबादले होने पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी व एसपी को तत्काल उक्त अधिकारी को कार्यमुक्त करना होगा.
ऐसा न करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं तबादला आदेश में संबंधित जिले के कोषागार में तैनात कोषाधिकारी को भी निर्देश जारी किए जाएंगे की तबादला आदेश जारी होने के अगले दिन से संबंधित अधिकारी का वेतन न बनाया जाए. ऐसा न होने पर संबंधित कोषाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी. तबादला आदेश में इन सभी बिंदुओं का उल्लेख किया जाएगा.
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