उत्तराखंड में आपदा के मानकों में होगा बदलाव

Last Updated 27 Aug 2014 05:23:07 AM IST

उत्तराखंड सरकार ने आपदा में राहत देने, नंदा राजजात में अवस्थापना विकास के उपयोग और मलीन बस्तियों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.


उत्तराखंड के मुख्यमत्री हरीश रावत (फाइल फोटो)

आपदा में राहत देने के लिए मानकों का नए सिरे से निर्धारण करने,  मलीन बस्तियों के उत्थान के लिए रोड मैप तैयार करने और नंदा राजजात मार्ग के वषर्भर उपयोग के लिए नीति निर्धारण करने के लिए अलग-अलग कई कमेटियों का गठन किया गया है.

मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि आपदा में दी जाने वाली राहत राशि को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, सरकार की ओर से आपदा के बाद कई बार मानकों में संशोधन किए गये. वर्तमान में आपदा राहत के लिए केंद्र की ओर से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष का गठन किया गया है.

इसके तहत राहत राशि का निर्धारण किया गया है. इसी आधार पर आपदा प्रभावितों को राहत राशि बांटी जाती है. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार अपनी ओर से अलग से भी राहत की घोषणा करती है. राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली राहत राशि के लिए कोई मानक तय नहीं हैं.

इसके देखते हुए मानकों के निर्धारण के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है.  कमेटी में समाज से जुड़े लोगों को स्थान दिया गया है. समाजसेवी प्रयाग दत्त भट्ट की अध्यक्षता में छह सदस्य  कमेटी गठित की गई है.

जिसमे पूर्व विधायक कुंवर सिह नेगी, पूर्व ब्लाक प्रमुख जोत सिंह बिष्ट, सयज सैनी और मथुरा प्रसाद जोशी को बतौर सदस्य शामिल किया गया है. जबकि अपर सचिव राजस्व समिति के सदस्य सचिव होंगे. कमेटी विस्तार से अध्ययन कर सरकार को आपदा राहत के लिए नए मानकों का सुझाव देगी.



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