पतंजलि योगपीठ : एक और विवाद,लावारिस शव को लेकर हंगामा

Last Updated 22 Apr 2014 06:36:05 PM IST

उत्तराखंड में हरिद्वार पुलिस ने शंकराचार्य चौक पर पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान की एम्बुलेंस को लावारिस शव ले जाते हुए पकड़ लिया.


Patanjali (फाइल फोटो)

मगर एम्बुलेंस चालक शव के बारे में कोई ठोस उत्तर न दे सका. इस पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. बाद में पुलिस चालक सहित एम्बुलेंस को कनखल थाने ले गई. जहां आप जिला संयोजक जेपी बडोनी और कुछ अन्य लोगों की शिकायत पर मामला दर्ज कर वाहन को सीज कर दिया गया. शव को जिला अस्पताल मोर्चरी में रखवा दिया गया है.

कनखल थाना क्षेत्र अंर्तगत शंकराचार्य चौक पर कुछ लोगों ने हरिद्वार की ओर से आती एम्बुलेंस वैन को रोका. पहले तो एम्बुलेंस चालक ने न रुकने का प्रयास किया, मगर पुलिस की मौजूदगी के चलते चालक ने एम्बुलेंस रोक दी. जांच में पता चला कि एम्बुलेंस में एक शव है, जिसे बिना अनुमति पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान ले जाया जा रहा है. जब पुलिस ने ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने बताया कि शव खड़खड़ी श्मशान घाट से लाया जा रहा है.

ड्राइवर के अनुसार सेवा समिति की ओर से शव दिया गया है. मगर जब मौके पर लोगों ने सेवा समिति से संपर्क साधा तो पता चला की वहां से कोई शव नहीं दिया गया है. इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया. मौके पर हंगामा होते देख पुलिस एम्बुलेंस को थाने ले आई. आप के जिला संयोजक जेपी बडोनी, कांग्रेस के तरुण व्यास, आशीष रावत, सचिन त्यागी व सुनील ने संयुक्त रूप से पुलिस में शिकायत की कि उन्हें लंबे समय से पतंजलि योगपीठ में मानव तस्करी की सूचना मिल रही थी.

हरिद्वार श्मशान घाट से लावारिस शव बिना अनुमति के ही पतंजलि ले जाये जाते हैं. इसी आधार पर यह शव पकड़ा गया है. वहीं सीओ विमल कुमार आचार्य ने बताया कि एम्बुलेंस चालक के पास शव ले जाने संबंधी कोई पुख्ता कागजात नहीं मिले हैं, जबकि उनके पास 31 दिसम्बर 2013 तक की अनुमति के कागजात हैं.

उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिकायत पर एम्बुलेंस को सीज कर शव को जिला अस्पताल मोर्चरी में रख दिया गया है. सीओ ने बताया कि इस मामले की गहन जांच होगी. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

उधर, पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान की ओर से शव लाने की अनुमति संबंधी पत्र दिखाया गया है, जो 31 दिसम्बर 2013 का एसएसपी कार्यालय द्वारा जारी है. इसमें एसएसपी ने मेडिकल छात्रों के प्रायोगिक ज्ञान के लिए सेवा समिति से दो लावारिस मानव शव दिये जाने की अनुमति दी है. इस पर ही सेवा समिति से शव पतंजलि लाया जा रहा था.



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