सपा-कांग्रेस : सीटों को लेकर फंसा पेंच, गुरुवार को हो सकती है घोषणा

Last Updated 19 Jan 2017 04:04:11 AM IST

सपा और कांग्रेस के बीच होने जा रहे चुनावी गठबन्धन की रूपरेखा तय हो गयी है. इसकी औपचारिक घोषणा गुरुवार को हो सकती है. कुछ सीटों को लेकर तालमेल फंसा है. जिस पर सपा व कांग्रेस दोनों तरफ से मंथन जारी है.


सपा नेता अखिलेश यादव एवं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद

इसको अंतिम रूप देने के लिए सपा की तरफ से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व प्रो. राम गोपाल यादव तथा कांग्रेस की तरफ से यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद के बीच गुरुवार को देर रात मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित ‘डिनर’ पर बातचीत होगी ताकि बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में इसकी औपचारिक घोषणा की जा सके.

सपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं ने गठबन्धन होने की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की है. कांग्रेस के राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया को बताया था कि गठबंधन को लेकर कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद मंथन कर रहे हैं. इसकी औपचारिक घोषणा 24 घंटे में हो सकती है. कुछ सीटों को लेकर तालमेल फंसा है. जिस पर सपा व कांग्रेस दोनों तरफ से मंथन जारी है. गठबन्धन में कांग्रेस जहां 100 से कम सीट लेने को तैयार नहीं दिख रही है वहीं कांग्रेस की प्राथमिकता वह सीटें पहले हैं, जिन पर उसके वर्तमान में विधायक हैं.

इसके अलावा कांग्रेस उन सीटों पर भी अपना दावा प्रस्तुत कर रही है, जिन पर पिछले चुनाव में कांग्रेस दूसरे नम्बर पर रही है. बताया जा रहा है कि इसमें कई ऐसे विधायक हैं जो कांग्रेस के टिकट पर विधान सभा चुनाव जीते थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सपा का दामन थाम लिया है. ऐसे सीटों में नौतनवां विधान और पयागपुर विधान सभा सीटें प्रमुख है.

हराजगंज जिले के नौतनवां विधान सभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर कुंवर कौशल सिंह और बहराइच के पयागपुर विधान सभा सीट से मुकेश श्रीवास्तव वर्तमान में विधायक हैं, लेकिन इन दोनों ने बीते दिनों सपा का दामन थाम लिया है. अब इन सीटों पर जहां कांग्रेस अपना दावा प्रस्तुत कर रही है, वहीं सपा इन विधायकों के अपने पाले में आने के कारण  इन सीटों पर अपने लिये टिकट मांग रही है.

इसी तरह लखनऊ कैन्ट विधान सभा सीट से कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रीता बहुगुणा जोशी विधायक हैं. श्रीमती जोशी वर्तमान में भाजपा में चली गयी हैं. इस सीट पर सपा की तरफ से सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव प्रत्याशी घोषित हैं. इस सीट पर जहां कांग्रेस अपना दावा ठोंक रही है वहीं लखनऊ कैन्ट को सपा अपर्णा के लिए मांग रही है.

कांग्रेस की एक बड़ी शर्त यह है कि वह अमेठी की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारना चाह रही है, जबकि वहां से सपा के गायत्री प्रजापति विधायक हैं. कांग्रेस अमेठी लोकसभा सीट के तहत आने वाले सभी विधान सभा सीटों पर अपने प्रत्याशी लड़ना चाह रही है. इसके अलावा कांग्रेस अमेठी विधान सभा सीट अपने राज्य सभा सांसद संजय सिंह की पत्नी अमिता के लिए मांग रही है, जबकि सपा की मांग है कि रानी अमिता सिंह लखनऊ कैन्ट से विधान सभा चुनाव लड़ें. इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल से सीटों के तालमेल पर भी संशय बना हुआ है.

सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नन्दा ने मीडिया से कहा है कि रालोद जितनी सीटों की मांग कर रहा है, उतना सपा के लिये छोड़ पाना संभव नहीं है. ऐसे में रालोद से गठबंधन की बात अभी पक्की नहीं कही जा सकती है.

समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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