प्योर इंडिया ट्रस्ट ने जापान की यूनिचॉर्म कंपनी के सहयोग से “प्रोजेक्ट - जागृति” के तहत महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
जापान की प्रसिद्ध कंपनी यूनिचॉर्म ने अपने सामाजिक दायित्व के अंतर्गत बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद क्षेत्र की तीन और ग्रामीण महिलाओं को प्रोजेक्ट के चौथे चरण में आत्मनिर्भर बनाया। अभी तक बुलंदशहर जिले में कुल 56 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है।
प्योर इंडिया ट्रस्ट ने जापान की यूनिचॉर्म कंपनी के सहयोग से महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर |
कंपनी ने प्योर इंडिया ट्रस्ट (एनजीओ) के साथ मिलकर बुलंदशहर और राजस्थान में सीकर जिले में 150 से ज्यादा महिलाओं को उनका अपना व्यवसाय शुरू कराकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। कंपनी द्वारा चयनित सभी गाँव की महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी कार्यशाला आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है।
इस योजना में प्रत्येक महिला आर्थिक सहायता, व्यवसाय का प्रचार-प्रसार तथा आय बढ़ाने के लिए महिला उद्यमी का मार्गदर्शन किया जा रहा है। महिला अपने घर से ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकती है और महिला को दी गई आर्थिक मदद उन्हें वापस भी नहीं करनी है।
इसके अंतर्गत यूनिचॉर्म एवं प्योर इंडिया ट्रस्ट के अधिकारीयों ने गफूरगढी, राजा रामपुर एवं मुरादाबाद गाँव में आकर 3 महिलाओं (सोनम, मीनू एवं सतवीरी) के व्यवसाय का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी गांव के लोगों ने इस योजना की काफी तारिफ की और कंपनी का धन्यवाद किया।
उद्घाटन कार्यक्रम में युनिचार्म कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव चेयरमैन केन्जी ताकाकू, मार्केटिंग टीम से आयको सुगा, यासुहीरो नामी (माकर्टिग), रिसर्च से केन्टा तानीगुची, सीएसआर मैनेजर अंकिता सुखवाल एवं सेल्स टीम से विकास गर्ग, दयाशंकर (बुलंदशहर) और प्योर इंडिया के संस्थापक प्रशांत पाल, निशांत, पुष्पेन्द्र सिंह एवं शिवकुमार आदि ने आकर महिलाओं को अपने व्यवसाय को आगे बढाने के लिये प्रोत्साहित किया एवं पुरानी महिलाओं की भी दुकान का विजिट किया गया और महिला एवं घरवालों से भी मिले एवं बिक्री एवं बचत की जानकारी ली।
प्योर इंडिया ट्रस्ट के संस्थापक प्रशांत पाल ने बताया कि ट्रस्ट यह कार्यक्रम देश के 12 राज्यों में सफलतापूर्वक चला रहा है, जिसमें 1300 से ज्यादा महिलाएं अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू कर चुकी हैं बुलंदशहर के सहकारी नगर क्षेत्र के 20 गांव में 20 महिलाओं को पिछले साल ही उनका व्यवसाय शुरू करवाया है जो अब तक 3 लाख से ज्यादा की बचत कमा चुकी है इसके साथ-साथ बहुत से जनकल्याण के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
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